बैंक घोटाले में दोषी ठहराए गए कांग्रेस विधायक केदार को मिला शिवसेना (यूबीटी) का समर्थन
एमवीए में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) और कांग्रेस शामिल हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार, एनडीसीसीबी को 2002 में सरकारी प्रतिभूतियों में 125 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ क्योंकि होम ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से धन निवेश करते समय नियमों का उल्लंघन किया गया था। उस वक्त केदार बैंक के अध्यक्ष थे। अदालत ने छह दोषियों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा कि महा विकास अघाडी (एमवीए), विशेष रूप से शिवसेना (यूबीटी) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील केदार के पीछे मजबूती से खड़ी है। एक दिन पहले, पूर्व मंत्री केदार को सहकारी बैंक में धन के दुरुपयोग के लिए अदालत ने पांच वर्ष की जेल की सजा सुनाई थी। अपने पूर्व सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए राउत ने कहा कि उस पार्टी के कई नेताओं पर ऐसे कृत्यों के लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए और उन्हें दोषी ठहराया जाना चाहिए। राउत ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘न्यायपालिका पर दबाव के कारण, केवल विपक्ष के लोगों को (केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा) बुलाया जाता है, गिरफ्तार किया जाता है और उन्हें सांसद-विधायक के रूप में अयोग्यता का सामना करना पड़ता है।’’
नागपुर की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 2002 के मामले में नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) में धन के दुरुपयोग के लिए कांग्रेस विधायक और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सुनील केदार और पांच अन्य को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। राउत ने कहा, ‘‘मुझे इस बात पर कोई आश्चर्य नहीं है कि उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई है और केदार की सदस्यता पर तलवार लटक रही है। सुनील केदार एक योद्धा हैं और पूरी एमवीए, विशेष रूप से शिवसेना (यूबीटी), उनके साथ मजबूती से खड़ी है। हम उनके साथ मिलकर लड़ते रहेंगे।’’
एमवीए में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) और कांग्रेस शामिल हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार, एनडीसीसीबी को 2002 में सरकारी प्रतिभूतियों में 125 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ क्योंकि होम ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से धन निवेश करते समय नियमों का उल्लंघन किया गया था। उस वक्त केदार बैंक के अध्यक्ष थे। अदालत ने छह दोषियों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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