Delhi Air Pollution पर बोले कांग्रेस नेता शशि थरुर, कहा- जीने लायक नहीं है राजधानी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण काबू से बाहर हो चुका है। राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में 500 के पार एक्यूआई दर्ज हुआ है। इसी के साथ कई दिनों से दिल्ली वासी जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हो गए है। दिल्ली के वायु प्रदूषण को लेकर राजनीति भी जारी है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण काबू से बाहर हो चुका है। राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में 500 के पार एक्यूआई दर्ज हुआ है। इसी के साथ कई दिनों से दिल्ली वासी जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हो गए है। दिल्ली के वायु प्रदूषण को लेकर राजनीति भी जारी है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की है। शशि थरुर ने कहा कि दिल्ली दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। नवंबर से जनवरी तक दिल्ली की स्थिति रहने लायक नहीं रहती है। अगर साल के बाकी दिनों की बात करें तो भी बमुश्किल ही दिल्ली में रहना संभव हो पाता है। शशि थरूर ने दावा किया कि यह "अनुचित" है कि सरकार वर्षों से दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या को देखती रही, लेकिन उसने इस पर कोई उचित कार्रवाई नहीं की।
'सबसे प्रदूषित शहरों' की सूची साझा करते हुए, शशि थरूर ने एक्स पर लिखा, "दिल्ली आधिकारिक तौर पर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है, जो खतरनाक स्तर से 4 गुना अधिक है और दूसरे सबसे प्रदूषित शहर ढाका से लगभग पांच गुना अधिक खराब है। यह अमानवीय है कि हमारी सरकार वर्षों से इस दुःस्वप्न को देख रही है और इसके बारे में कुछ नहीं करती है।"
थरूर ने कहा, "मैंने 2015 से ही सांसदों सहित विशेषज्ञों और हितधारकों के लिए वायु गुणवत्ता गोलमेज सम्मेलन चलाया है, लेकिन पिछले साल इसे छोड़ दिया क्योंकि कुछ भी बदलता नहीं दिख रहा था और किसी को भी इसकी परवाह नहीं थी। यह शहर नवंबर से जनवरी तक रहने लायक नहीं रहता और साल के बाकी दिनों में तो यह मुश्किल से ही रहने लायक होता है। क्या इसे देश की राजधानी बने रहना चाहिए?"
इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता मंगलवार सुबह लगातार दूसरे दिन भी 'बेहद खराब' श्रेणी में रही, शहर में धुंध छाई रही, जिससे दृश्यता कम हो गई और वायु प्रदूषण बिगड़कर खराब AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में सुबह आठ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 488 दर्ज किया गया, जो इसे 'बेहद खराब' श्रेणी में रखता है।
ऐसे उच्च AQI स्तरों पर, हवा को स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन या हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों जैसे कमजोर समूहों के लिए। प्रदूषण का स्तर लगातार ऊंचा बना हुआ है, जिससे कालिंदी कुंज और ओखला बैराज के पास यमुना नदी के कुछ हिस्सों में जहरीले झाग का गाढ़ा गुबार तैर रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता बिगड़ने के बीच, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने दिल्ली और एनसीआर में गंभीर प्रदूषण और खतरनाक एक्यूआई स्तरों का हवाला देते हुए 22 नवंबर तक कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित करने का फैसला किया है।
हरियाणा में, गुरुग्राम के उपायुक्त कार्यालय ने घोषणा की कि, माध्यमिक शिक्षा हरियाणा के निदेशक के निर्देशों के अनुसार और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की स्थिति का आकलन करने के बाद, गुरुग्राम जिले में 12वीं कक्षा तक की सभी भौतिक कक्षाएं 19 नवंबर से 23 नवंबर तक या अगली सूचना तक निलंबित रहेंगी।
मुंबई, दिल्ली और उत्तर भारत के कई हिस्सों समेत कई शहरों में वायु गुणवत्ता खराब हो गई है, जो गंभीर स्तर पर पहुंच गई है और स्वास्थ्य जोखिमों को लेकर चिंताएँ पैदा कर रही है। राष्ट्रीय राजधानी में 'गंभीर' प्रदूषण के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक सर्कुलर जारी कर शीर्ष अदालत परिसर में वादियों और अधिवक्ताओं को मास्क पहनना सुनिश्चित करने और स्वास्थ्य संबंधी उपाय करने की सलाह दी।
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