कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने वी20 बैठक में लोगों को शामिल होने से रोकने का आरोप लगाया
आयोजकों में शामिल लियो सलदान्हा ने कहा कि पुलिस के आने के बाद कार्यक्रम में शामिल होने वालों और वक्ताओं को इमारत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली, लेकिन पहले से ही अंदर बैठे लोगों की मौजूदगी में कार्यक्रम जारी रखा गया।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने लोगों को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से संबंधित एक इमारत के अंदर कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित वी20 बैठक में शामिल होने से रोका। पुलिस ने कहा कि आयोजकों ने संवेदनशील क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए न तो सूचना दी और न ही अनुमति ली। यह कार्यक्रम यहां दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) मार्ग पर हरकिशन सिंह सुरजीत भवन में आयोजित किया जा रहा था। इसमें कार्यकर्ता और विपक्षी नेता लोगों के मुद्दों को उठाने के लिए एकत्र हुए थे। कार्यक्रम का आयोजन 18 से 20 अगस्त तक होना है। रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर इस शांतिपूर्ण बैठक के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाया।
रमेश ने आरोप लगाया, वी द पीपुल, का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित वी 20 की बैठक में शामिल होने से लोगों को दिल्ली पुलिस रोक रही है। यह बेहद आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा, माकपा से जुड़े एक भवन में यह बैठक पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। सड़क पर कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया जा रहा है। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई शुरू होने से पहले मैं सुबह 10:30 बजे प्रवेश करने में कामयाब रहा लेकिन अब बाहर निकलने में कठिनाई हो रही है। रमेश ने कटाक्ष किया कि यह न्यू इंडिया डेमोक्रेसी (नए भारत का लोकतंत्र) है। पुलिस का कहना है कि सूचना मिली थी कि लोग वहां एकत्र हुए थे और इमारत में एक तंबू भी लगाया गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि आयोजक कोई वैध अनुमति होने की बात साबित नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि आयोजकों ने कार्यक्रम के बारे में पुलिस को सूचित नहीं किया था।
अधिकारी ने कहा, डीडीयू मार्ग एक संवेदनशील क्षेत्र है और आगामी जी-20 कार्यक्रम के मद्देनजर बिना किसी पूर्व अनुमति या सूचना के किसी भी सभा की अनुमति नहीं दी जा सकती है, इसलिए आयोजकों को तंबू हटाने की सलाह दी गई और वैध अनुमति के बिना कार्यक्रम जारी नहीं रखने को कहा गया। आयोजकों में शामिल लियो सलदान्हा ने कहा कि पुलिस के आने के बाद कार्यक्रम में शामिल होने वालों और वक्ताओं को इमारत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली, लेकिन पहले से ही अंदर बैठे लोगों की मौजूदगी में कार्यक्रम जारी रखा गया।
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