मेवात की Punhana सीट से कांग्रेस ने Mohammad Ilyas को दिया टिकट, परिवार का रहा है क्षेत्र पर गहरा प्रभाव

Mohammad Ilyas
प्रतिरूप फोटो
social media
Anoop Prajapati । Sep 22 2024 3:51PM

गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मुस्लिम बहुल मेवात जिला की तीन विधानसभा भी शामिल हैं। हमेशा से इन सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट का कब्जा रहा है। मेवात क्षेत्र में मुस्लिमों की अधिक संख्या इन तीनों सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों की जीत का बड़ा कारण है। नूंह में फिरोजपुर झिरका, नूंह और पुन्हाना तीन विधानसभा सीट आती है।

विधानसभा की हरियाणा में कुल 90 सीटें हैं। जिसमें गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मुस्लिम बहुल मेवात जिला की तीन विधानसभा भी शामिल हैं। हमेशा से इन सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट का कब्जा रहा है। मेवात क्षेत्र में मुस्लिमों की अधिक संख्या इन तीनों सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों की जीत का बड़ा कारण है। नूंह में फिरोजपुर झिरका, नूंह और पुन्हाना तीन विधानसभा सीट आती है। नूंह और फिरोजपुर झिरका विधानसभा की तरह पुन्हाना में भी हमेशा मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। पुन्हाना विधानसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई।

पुन्हाना विधानसभा सीट पर 2009 में हुए पहले चुनाव में आईएनएलडी के मोहम्मद इलियास ने बाजी मारी और बहुजन समाज पार्टी की महिला उम्मीदवार हो हरा दिया था। इसके बाद 2014 के चुनाव में मोहम्मद इलियास हार गए और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े रहीस खान ने जीत दर्ज की। चुनाव के बाद निर्दलीय विधायक रहीस खान बाद में भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में करीब दो महीने पहले पुन्हाना आई नौक्षम चौधरी ने बीजेपी का टिकट लेकर निर्दलीय विधायक रहीस खान को बड़ा झटका दिया। यह मुकाबला दिलचस्प हो गया था। जिसमें कांग्रेस के मोहम्मद इलियास ने करीब 805 वोट से निर्दलीय उम्मीदवार रहीस खान को हरा दिया था। कांग्रेस ने मोहम्मद इलियास को एक बार फिर टिकट दिया है।

मोहम्मद इलियास का जन्म 1 अप्रैल 1954 को सुल्तानपुर-पुनाहाना गांव में चौधरी रहीम खान के घर हुआ था । उनके तीन भाई और चार बहनें हैं। उनके पिता 1984 में फरीदाबाद निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा में सांसद चुने गए थे और 18 दिसंबर 1987 को उनकी मृत्यु हो गई। उनके पिता तीन बार हरियाणा विधानसभा के सदस्य भी चुने गए। पहली बार 1967 में और दूसरी बार 1972 में और आखिरी बार 1982 में नूंह निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए। उनके पिता हरियाणा सरकार में दो बार मंत्री रहे थे। उनके भाई हबीब उर रहमान हरियाणा के नूह निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय विधायक रह चुके हैं

विधायक मोहम्मद इलियास हरियाणा के रहीम खान राजनीतिक परिवार के सदस्य हैं। जिसका हरियाणा के में बहुत प्रभाव है । इलियास एक वरिष्ठ नेता हैं और इस क्षेत्र से सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले विधायकों में से एक हैं। उन्होंने पहली बार 1987 में चुनावी राजनीति में प्रवेश किया। अपने पिता की मृत्यु के बाद लोक दल (एलकेडी) के बैनर तले नूह निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा, हालांकि वे असफल रहे। 1989 के उपचुनाव में, वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े, लेकिन फिर से हार गए। उनकी पहली चुनावी जीत 1991 में हुई।

1996 में हुए विधानसभा चुनाव में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते हुए, उन्हें फिर से हार का सामना करना पड़ा। इलियास ने 2000 में भारतीय राष्ट्रीय लोकदल (आईएनएलडी) के उम्मीदवार के रूप में फिरोजपुर झिरका सीट हासिल करते हुए एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की। ​​हालांकि, 2009 में पुनहाना सीट जीतने से पहले उन्हें 2005 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। 2014 में एक और हार के बाद इलियास ने 2019 में एक बार फिर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तहत जीत हासिल करते हुए सफल वापसी की थी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़