कांग्रेस का दावा, संसद में राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान पीएम मोदी को 73 बार दिखाया गया, सिर्फ 6 बार दिखे एलओपी राहुल गांधी
18वीं लोकसभा के गठन के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहली बार संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया। तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल की निंदा करते हुए, राष्ट्रपति ने इसे संविधान पर "सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय" कहा।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को आरोप लगाया कि संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की तुलना में अधिक स्क्रीन उपस्थिति मिली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में लिखा कि 51 मिनट के राष्ट्रपति के संबोधन में किसको कितनी बार दिखाया गया? नेता सदन नरेंद्र मोदी : 73 बार। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी: 6 बार। सरकार: 108 बार। विपक्ष: 18 बार। इसके बाद उन्होंने लिखा कि संसद टीवी सदन की कार्यवाही दिखाने के लिए है, कैमराजीवी की आत्ममुग्धता के लिये नहीं।
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18वीं लोकसभा के गठन के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहली बार संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया। तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल की निंदा करते हुए, राष्ट्रपति ने इसे संविधान पर "सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय" कहा। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान, बीते दशकों में हर चुनौती, हर कसौटी पर खरा उतरा है और जब संविधान बन रहा था, तब भी दुनिया में ऐसी ताकतें थीं, जो भारत के असफल होने की कामना कर रही थीं। लोकतंत्र को कमजोर करने और समाज में दरारें डालने की साजिश रचने वाली विघटनकारी ताकतों से आगाह करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए नए रास्ते खोजने की जरूरत है।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले 10 साल के दौरान देश की उपलब्धियों और विकास का आधार गरीबों का सशक्तीकरण रहा है तथा उनकी सरकार ने पहली बार गरीबों को अहसास कराया कि वह उनकी सेवा में है। मुर्मू ने 18वीं लोकसभा में पहली बार संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने गरीबों के जीवन की गरिमा से लेकर उनके स्वास्थ्य तक को राष्ट्रीय महत्व का विषय बनाया है। मुर्मू ने कहा कि सरकार पेपर लीक की हालिया घटनाओं की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हाल में हुए संसदीय चुनाव के दौरान जम्मू कश्मीर में मतदान के कई रिकॉर्ड टूटने का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इन चुनाव के जरिए घाटी ने देश के दुश्मनों को करारा जवाब दिया है।
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