भाजपा के राष्ट्रवाद के चुनावी कथानक को तोड़ नहीं सकी कांग्रेस
अहंकारी भाजपा नेता हमारी सरकार की स्थिरता के बारे में अनर्गल बातें करके नौकरशाही को अप्रत्यक्ष तौर पर डराने की कोशिश कर रहे हैं। वे इन पैंतरों से प्रदेश के लोगों का ही नुकसान कर रहे हैं।
इंदौर। लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रचंड लहर के बीच मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस की भारी पराजय पर कमलनाथ सरकार के एक मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के राष्ट्रवाद के चुनावी कथानक को तोड़ने में नाकाम रही। सूबे के खेल और युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा, भाजपा ने 2014 का लोकसभा चुनाव जिन वादों पर लड़ा था, मोदी सरकार ने वे वादे पूरे नहीं किये। हाल के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने इन वादों पर कोई बात नहीं की और उसने राष्ट्रवाद, हिंदू-मुस्लिम मुद्दे, पाकिस्तान और सर्जिकल स्ट्राइक को चुनावी नैरेटिव (कथानक) बना दिया। मैं समझता हूं कि हम इस नैरेटिव को तोड़ नहीं सके।
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— Jitu Patwari (@jitupatwari) May 23, 2019
उन्होंने कहा, हम चुनावी जनादेश का पूरा सम्मान करते हैं। लेकिन लोकतंत्र में जनता की भलाई के मुद्दों को लेकर चुनाव होता है। भाजपा ने ये मुद्दे चुनावी परिदृश्य से गायब कर दिये। इसमें कहीं न कहीं हमारी ही असफलता है और हम अपनी चुनावी हार के कारणों की समीक्षा करेंगे। पटवारी ने कहा, यह भावनाओं का देश है। हमारे परिवारों के लोग भावनाओं से संचालित होते हैं। हो सकता है कि (लोकसभा चुनावों में) हम जन भावनाओं के मुताबिक काम करने में कमजोर रहे होंगे। उन्होंने सूबे के भोपाल लोकसभा क्षेत्र में वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ करीब 3.65 लाख मतों से चुनाव जीतने वाली भाजपा नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर इशारों ही इशारों में निशाना साधा।
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महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को प्रज्ञा द्वारा देशभक्त बताये जाने के विवादास्पद बयान की ओर स्पष्ट संकेत करते हुए पटवारी ने कहा, आप (मीडिया) यह भी विचार करें कि महात्मा गांधी के हत्यारे को महिमामंडित करने वाले लोग भी इस बार तीन लाख वोट से चुनाव जीते हैं। हमारा देश ऐसा तो न था। सूबे के खेल और युवा कल्याण मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बावजूद कमलनाथ सरकार पांच वर्ष का अपना कार्यकाल पूरा करेगी। पटवारी ने कहा, खुद को राष्ट्रभक्त बताने वाले भाजपा नेताओं की नीयत प्रदेश के विकास के खिलाफ है। अहंकारी भाजपा नेता हमारी सरकार की स्थिरता के बारे में अनर्गल बातें करके नौकरशाही को अप्रत्यक्ष तौर पर डराने की कोशिश कर रहे हैं। वे इन पैंतरों से प्रदेश के लोगों का ही नुकसान कर रहे हैं।
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