Lok Sabha Elections के लिए हो जाएं तैयार, Mallikarjun Kharge ने नेताओं को दिया अनुशासन में रहने का निर्देश
पार्टी ने सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में ‘इंडिया’ गठबंधन के पक्ष में प्रस्ताव पारित करने के साथ ही केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया जाए।
हैदराबाद। कांग्रेस ने अपनी कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की दो दिवसीय बैठक के बाद रविवार को पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में खुद को निर्णायक जनादेश मिलने की उम्मीद जताई और कहा कि वह आगे की लड़ाई के लिए कमर कस चुकी है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विस्तारित कार्य समिति की बैठक में पार्टी नेताओं को दो टूक नसीहत दी कि वे अनुशासित और एकजुट रहें तथा अपने व्यक्तिगत मतभेदों को दूर रखकर कांग्रेस की सफलता को प्राथमिकता दें तथा ऐसा कुछ नहीं करें, जिससे पार्टी को नुकसान हो।
कांग्रेस की विस्तारित कार्य समिति की बैठक में अगले लोकसभा और तेलंगाना समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की रणनीति, संगठन को मजबूत बनाने तथा कुछ अन्य विषयों पर चर्चा की गई। पार्टी की पुनर्गठित कार्य समिति की पहली बैठक शनिवार को हुई थी और रविवार को विस्तारित कार्य समिति की बैठक हुई। विस्तारित कार्य समिति में कार्य समिति के सदस्यों, विशेष आमंत्रित सदस्यों, स्थायी आमंत्रित सदस्यों के अलावा पार्टी की प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष, विधायक दल के नेता, संसदीय दल के पदाधिकारी तथा केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य शामिल होते हैं।
विस्तारित कार्य समिति की रविवार की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस की प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष तथा पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बैठक को संबोधित करते हुए खरगे ने कांग्रेस नेताओं से आगामी चुनावों के लिए तैयार रहने की अपील की और कहा कि देश में बदलाव के संकेत हैं तथा कर्नाटक एवं हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के नतीजे इस बात का प्रमाण हैं।
खरगे ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उसने अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए इस विषय पर समिति बनाई, जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंप दी। उन्होंने विस्तारित कार्य समिति की बैठक में कहा, ‘‘यह आराम से बैठने का समय नहीं है। दिन-रात मेहनत करनी होगी। हम सभी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, पर हमें हमेशा अनुशासन में ही रहना चाहिए।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं का आह्वान किया, ‘‘यह ध्यान रखें कि हम अहं या अपनी वाहवाही के लिए ऐसा कुछ न करें, जिससे पार्टी का नुकसान हो। अनुशासन के बगैर कोई नेता नहीं बनता। हम खुद अनुशासन में रहेंगे, तभी लोग हमारा अनुकरण करेंगे, हमारी बात मानेंगे।’’
उन्होंने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के हैदराबाद में ही 1953 में दिए उस वक्तव्य का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने अनुशासन की भावना पर जोर दिया था। विस्तारित कार्य समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि देश की जनता बदलाव चाहती है। कार्य समिति ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों पर भी जोर दिया है। प्रस्ताव में कहा गया, विश्वास है कि कांग्रेस को इस साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना के लोगों से निर्णायक जनादेश मिलेगा। कांग्रेस कार्य समिति ने यह भी कहा, कांग्रेस आगे की लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार है। जनता बदलाव चाहती है। हम कानून-व्यवस्था, स्वतंत्रता, सामाजिक एवं आर्थिक न्याय और समता की उनकी अपेक्षाओं को पूरा करेंगे।’’
कार्य समिति की बैठक में तेलंगाना को लेकर भी चर्चा की गई। कांग्रेस कार्य समिति ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की प्रदेश सरकार पर तेलंगाना के साथ धोखा करने का आरोप लगाया और कहा कि ‘स्वर्णिम तेलंगाना’ का वादा टूट गया है। कांग्रेस ने यह दावा भी किया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर और उनका परिवार प्रदेश पर ‘निजामों’ की तरह शासन कर रहा है। इससे पहले, शनिवार को हुई कार्य समिति की बैठक में कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) की पहल को वैचारिक एवं चुनावी सफलता दिलाने का संकल्प लिया था। पार्टी ने कहा था कि वह यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की राजनीति से मुक्त हो तथा लोगों को एक पारदर्शी, जवाबदेह एवं जिम्मेदार केंद्र सरकार मिले।
पार्टी ने सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में ‘इंडिया’ गठबंधन के पक्ष में प्रस्ताव पारित करने के साथ ही केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया जाए। कार्य समिति में पारित प्रस्ताव में जातिगत जनगणना की मांग भी उठाई गई है और कहा गया है कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण की मौजूदा अधिकतम सीमा बढ़ाई जाए। हैदराबाद के एक पंच सितारा होटल में शनिवार को सीडब्ल्यूसी की कई घंटे तक हुई बैठक के बाद 14 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, किसानों की समस्याओं, चीन के साथ सीमा विवाद, अडाणी समूह से जुड़े मामले तथा कई अन्य मुद्दों का उल्लेख किया गया। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने मणिपुर हिंसा, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों में सांप्रदायिक तनाव की हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए आरोप लगाया था कि देश गंभीर आंतरिक चुनौतियों से घिरा हुआ है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आग में घी डालने का काम कर रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कार्य समिति की बैठक में शनिवार को वैचारिक स्पष्टता पर जोर देते हुए कहा कि पार्टी नेताओं को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के असल मुद्दों से ‘ध्यान भटकाने’ वाले जाल में न फंसकर जनता से जुड़े विषयों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कांग्रेस ने 20 अगस्त को अपनी कार्य समिति का पुनर्गठन किया था, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। कार्य समिति में 39 सदस्य, 32 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 13 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं। इस कार्य समिति में सचिन पायलट और शशि थरूर जैसे नेताओं को पहली बार जगह मिली है।
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