कांग्रेस और भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों के चुनाव में करेंगी अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश

Bharatiya Janata Party
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निर्वाचन आयोग ने सोमवार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया।मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के लिए एक चरण में क्रमश: 17 नवंबर, 23 नवंबर, 30 नवंबर तथा सात नवंबर को मतदान होगा] जबकि छत्तीसगढ़ में दो चरणों में सात एवं 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। इन पांचों राज्यों में तीन दिसंबर को मतगणना होगी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगी, ताकि इसके कुछ महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में अपनी सियासी जमीन को मजबूत तथा राजनीतिक विमर्श को अपने पक्ष में कर सकें। कांग्रेस मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों में हिमाचल प्रदेश एवं कर्नाटक की जीत के सिलसिले को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगी, तो भाजपा इन राज्यों में जीत के साथ लोकसभा चुनाव के लिए अपनी उम्मीदों को ज्यादा मजबूती प्रदान करना चाहेगी। कांग्रेस नेताओं ने आशा जताई है कि क्षेत्रीय मुद्दों और कल्याणकारी योजनाओं की गारंटी पर केंद्रित उनका एजेंडा पार्टी के लिए काम करेगा तथा वह अपने बेहतर प्रदर्शन से विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) में भी अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहेगी।

भाजपा इन पांच राज्यों में से वर्तमान में केवल मध्य प्रदेश में सत्ता में है, जबकि कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता में है। दोनों पार्टियां तेलंगाना में भी सत्ता की दौड़ में हैं, जहां महत्वाकांक्षी नेता और मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति लगातार तीसरे कार्यकाल के लिये सत्ता में आने और राष्ट्रीय भूमिका की उम्मीद लगाए हुए है। अब तक की अपनी परिपाटी से उलट भाजपा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले ही कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों सहित बड़ी संख्या में उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। उसने सोमवार को भी दोनों राज्यों और राजस्थान के लिए कई अन्य नामों की नई सूची जारी की। अपेक्षाकृत मुश्किल सीटों से अब तक कई क्षेत्रीय क्षत्रपों सहित 18 लोकसभा सदस्यों को मैदान में उतारकर भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीतने के लिए हर संभव प्रयास करने का अपना इरादा भी जाहिर कर दिया है।

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का भी बहुत कुछ दांव पर है। उसके खराब प्रदर्शन से कर्नाटक में बड़ी जीत के बाद जो उत्साह पैदा हुआ था, वह कम हो सकता है तथा विपक्षी गठबंधन में उसकी स्थिति कमजोर हो सकती है। कांग्रेस जातिगत जनगणना की पैरवी करके सामाजिक न्याय के मुद्दे पर जोर दे रही है। विपक्षी गठबंधन का मानना ​है कि यह मुद्दा उनके लिए मददगार हो सकता है। उनका प्रयास है कि जातिगत जनगणना के मुददे के जरिये लोकसभा चुनाव में वे भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे की काट कर सकेंगी। भाजपा का प्रयास होगा कि लोकसभा चुनाव से पहले वह न सिर्फ मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखे, बल्कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी सत्ता में वापसी करे। उसने स्पष्ट संकेत दिया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे को ही आगे करके इन चुनावों में उतरेगी और मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करेगी। निर्वाचन आयोग ने सोमवार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया।मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के लिए एक चरण में क्रमश: 17 नवंबर, 23 नवंबर, 30 नवंबर तथा सात नवंबर को मतदान होगा] जबकि छत्तीसगढ़ में दो चरणों में सात एवं 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। इन पांचों राज्यों में तीन दिसंबर को मतगणना होगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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