CM नीतीश कुमार ने दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों के आवागमन पर छूट के निर्णय का किया स्वागत
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन जनहित में है और सबको इसका पालन करना चाहिये। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने इस मामले में केन्द्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम के अन्तर्गत जारी दिशा-निर्देशों का हमेशा अनुपालन किया है।
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना वायरस संक्रमण को काबू करने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे हुये प्रवासी मजदूरों, छात्र-छात्राओं, श्रद्धालुओं, पर्यटकों एवं अन्य लोगों के आवागमन को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में छूट दिए जाने का बुधवार को स्वागत किया। नीतीश ने इस छूट के लिए केन्द्र सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि ये निर्णय उपयुक्त एवं स्वागतयोग्य हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारा आग्रह था और उस पर केन्द्र सरकार ने सकारात्मक निर्णय लिया है। इससे बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में फंसे हुये बिहार आने के इच्छुक प्रवासी मजदूरों, छात्र-छात्राओें, श्रद्धालुओं, पर्यटकों तथा अन्य लोगों को यहां आने में सुविधा होगी और उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन जनहित में है और सबको इसका पालन करना चाहिये। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने इस मामले में केन्द्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम के अन्तर्गत जारी दिशा-निर्देशों का हमेशा अनुपालन किया है। कोरोना वायरस पर चर्चा के लिए गत 27 अप्रैल को प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में नीतीश ने कहा था कि राजस्थान के कोटा में कोचिंग संस्थानों में बिहार के छात्र भी बड़ी संख्या में पढ़ते हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरुप हम बंद का पालन कर रहे हैं।
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गृह मंत्रालय द्वारा जारी आपदा प्रबंधन कानून के अनुसार अन्तरराज्यीय आवागमन पर प्रतिबंध है, जब तक नियमों में संशोधन नहीं होगा, तब तक किसी को भी वापस बुलाना नियम संगत नहीं है। केन्द्र सरकार इसके लिये आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करे।’’ उन्होंने कहा था कि कोटा ही नहीं, देश के अन्य हिस्सों में भी बड़ी संख्या में बिहार के छात्र पढ़ते हैं।
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