कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्रियों ने भी दिखाई सक्रियता, लोगों की समस्याओं का तुरंत हो रहा निपटारा

Chief Ministers
अंकित सिंह । Mar 31 2020 5:32PM

राज्यों के मुख्यमंत्री लोगों से लगातार संपर्क में है ताकि उन्हें किसी भी तरह की कोई समस्या का सामना ना करना पड़े। मुख्यमंत्रियों ने लोगों से संवाद भी जारी रखा है। इसके अलावा अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर मौजूदा परिस्थिति की भी निगरानी की जा रही है।

पूरा देश इस वक्त कोरोना महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहा है। इस जंग में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों ने भी कमर कस ली है। नरेंद्र मोदी द्वारा लॉक डाउन के आह्वान के बाद पूरे देश में लोग अपने घरों में बंद है। हालांकि राज्य सरकारों की तरफ से लोगों को जरूरी सुविधाएं प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार लोगों के हर संभव मदद के लिए तैयार है। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी अपने लोगों के लिए बेहतर इंतजाम किए हैं। राज्यों के मुख्यमंत्री लोगों से लगातार संपर्क में है ताकि उन्हें किसी भी तरह की कोई समस्या का सामना ना करना पड़े। मुख्यमंत्रियों ने लोगों से संवाद भी जारी रखा है। इसके अलावा अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर मौजूदा परिस्थिति की भी निगरानी की जा रही है। आज हम आपको बता रहे हैं कि आखिर किन राज्यों के मुख्यमंत्री सबसे ज्यादा सक्रिय हैं।

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सबसे पहले बात करते हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की। अगर देखा जाए तो कोरोना वायरस को लेकर सबसे ज्यादा सक्रिय मुख्यमंत्रियों में से योगी आदित्यनाथ एक है। योगी आदित्यनाथ लगातार अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं। प्रभावित जिलों का दौरा भी कर रहे हैं। इसके अलावा आमजन को किसी भी प्रकार का कोई समस्या ना हो इसके लिए भी तत्पर दिखाई दे रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों और पुलिस अधिकारियों को भी साफ और सख्त संदेश देते हुए कहा है कि इस महामारी के खिलाफ जंग में कोई भी कोताही नहीं बरती जाए। योगी आदित्यनाथ आम जनों की परेशानी को भी समझ रहे हैं। लोगों के खानपान की व्यवस्थाओं का खुद ही निगरानी कर रहे हैं। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों के आर्थिक समस्याओं को कहीं न कहीं निपटारा करने की भी कोशिश योगी आदित्यनाथ ने की है। वे ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने सबसे पहले दिहाड़ी मजदूरों के लिए किसी राशि की घोषणा की थी।

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बात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की करते हैं। अरविंद केजरीवाल हर रोज सुबह और शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं। अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें करते हैं। प्रवासी भारतीयों के लिए चल आज चलाई जा रही योजनाओं को बताते हैं। इसके अलावा अस्पतालों में व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त रखने की कोशिश करते हैं। अरविंद केजरीवाल की घोषणाओं को देखे तो उनकी घोषणा में इस बात का सबसे ज्यादा ध्यान रखा गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों पर इस लॉक डाउन का कोई असर ना पड़े। हालांकि प्रवासी मजदूरों का दिल्ली से पलायन अरविंद केजरीवाल की घोषणाओं पर सवाल जरूर उठाते हैं लेकिन केजरीवाल सामने आकर हर सवाल का सामना कर रहे हैं और कोरोना महामारी के बीच लोगों की समस्याओं का निपटारा करने के लिए हर कोशिश करने को तैयार दिख रहे हैं।

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अब बात मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की करते हैं। शिवराज सिंह चौहान अभी कुछ दिन पहले ही मध्य प्रदेश की सत्ता की कमान संभाली है। जबसे उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री की कमान संभाली है तब से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वो डटकर सामने आए हैं। पहले ही दिन से उन्होंने कोरोना के खिलाफ महामारी के विषय पर अधिकारियों के साथ बैठकें कर लगातार निर्देश दे रहे हैं। वह खुद कई बार सड़कों पर दिखाई दिए। लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप घरों में रहे, सड़कों पर ना निकले, सोशल डिस्टेंसिंग रखें। इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बच्चों से मिल रहे हैं। उन्हें धैर्य रखने के लिए कह रहे हैं ताकि उन्हें किसी भी तरह का दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता की कमान संभालते ही सबसे पहले राहत कोष के लिए लोगों से आग्रह किया। साथ ही साथ उन्होंने भी दिहाड़ी मजदूरों को अब आर्थिक मदद पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है। शिवराज सिंह का सड़कों पर आकर लोगों को समझाने का प्रयास काफी सराहनीय लग रहा है।

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कोरोना महामारी के खिलाफ इस लड़ाई के बीच केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन भी काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। कोरोना लगातार लोगों से बात करने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों की समस्याओं का निपटारा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा आम जनों को कोई दिक्कत ना हो इसके लिए हमेशा अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं। केरल के मुख्यमंत्री ने ही सबसे पहले कोरोना के खिलाफ राहत पैकेज की घोषणा की थी। इस राहत पैकेज में डॉक्टर, दिहाड़ी मजदूर और ऐसे तमाम लोगों के लिए आर्थिक मदद की बात की गई थी जो इस लड़ाई में आगे हैं।

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तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव भी कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। लोगों की हर संभव मदद क्यों प्रयास कर रहे हैं। अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा उनका ध्यान प्रवासियों पर भी है। वह लगातार प्रवासियों से अपील कर रहे हैं कि वह यहां रहे, जब तक वह तेलंगाना में रहेंगे तब तक सरकार उनकी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगी। इसके अलावा उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उधव ठाकरे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा भी कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछले कई दिनों से बााजारों में जाकर लोगों को एक-दूसरे से भौतिक दूरी बनाए रखने का तरीका समझा रही हैं। वह बाजार पहुंचती हैं और ईंट-पत्थर का कोई टुकड़ा उठाकर अपने इर्द-गिर्द एक गोला खींच लेती हैं। बनर्जी एक के बाद एक गोला खींचकर लोगों को समझाती हैं कि कोरोना वायरस के चलते इस तरह एक-दूसरे से भौतिक दूरी बनाकर रखी जा सकती है।

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