मंदसौर दुष्कर्म मामले में मुख्यमंत्री ने की फास्ट ट्रैक कार्यवाही की वकालत

Chief Minister advocated for fast track proceedings in Mandsaur rape case
[email protected] । Jun 29 2018 4:07PM

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह दर्दनाक घटना है, हम पीड़ित परिवार के साथ हैं और पीड़िता की हालत पर लगातार ध्यान दे रहे हैं। उसकी हालत में सुधार हो रहा है और मैं डाक्टरों के संपर्क में हूं।’

भोपाल। मध्य प्रदेश के मन्दसौर में नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना पर दु:ख और चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि इस तरह के मामलों में उच्चतम और उच्च न्यायालय में भी फास्ट ट्रैक कार्यवाही होनी चाहिए ताकि इस तरह के अपराध करने वालों को फांसी की सजा शीघ्र दी जा सके। 

चौहान ने आज यहां अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘बलात्कार के मामलों में हमने प्रदेश में फास्ट ट्रैक अदालत में कार्यवाही करने के प्रावधान किये हैं। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय से भी इस प्रकार के प्रावधान करने का अनुरोध किया है ताकि इस तरह के अपराध करने वाले आरोपियों के खिलाफ शीघ्र अदालती कार्यवाही कर उन्हें शीघ्र फांसी की सजा दी जा सके।’’ उन्होने कहा, ‘‘ये दरिंदे धरती पर बोझ हैं, ये धरती पर जीवित रहने के लायक नहीं हैं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह दर्दनाक घटना है, हम पीड़ित परिवार के साथ हैं और पीड़िता की हालत पर लगातार ध्यान दे रहे हैं। उसकी हालत में सुधार हो रहा है और मैं डाक्टरों के संपर्क में हूं।’’ उन्होंने कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। इस मामले को फास्ट ट्रैक अदालत में चलाया जायेगा और हम यह सुनिश्चत करेंगें कि आरोपी को शीघ्र फांसी की सजा दिलवायी जा सके।

मालूम हो कि मंदसौर में 26 जून को आठ वर्षीय बालिका का स्कूल से बाहर से अपहरण करके 20 वर्षीय युवक ने उसके साथ बलात्कार किया और उसे जान से मारने की कोशिश करते हुए बेहोशी की हालत में झाड़ियों में फेंक दिया था। पुलिस ने आरोपी इरफान नामक युवक को गिरफ्तार कर लिया है। मंदसौर में लोगों ने इस घटना के खिलाफ कल शहर बंद रखा था।

मंदसौर के स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने भी घटना की निंदा करते हुए आरोपी युवक को फांसी की सजा देने की मांग की। मध्य प्रदेश की विधानसभा में 12 वर्ष से कम उम्र की नाबालिग बालिकाओं से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को फांसी के सजा देने का प्रावधान करने वाला विधेयक सर्वसम्मति से पिछले साल पारित किया जा चुका है।

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