Char Dham Yatra 2023: कितने भी श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे, दैनिक सीमा का निर्णय धामी ने वापस लिया

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ANI

यात्रियों की ट्रैकिंग में मददगार पंजीकरण की ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया जारी रहेगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा तथा भीड़ को नियंत्रित करने हेतु स्थानीय स्तर पर आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जाएगी।

अक्षय तृतीया के पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने के साथ इस साल की चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गयी है। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालयी धामों में दर्शनार्थियों की अधिकतम दैनिक संख्या तय करने संबंधी अपना निर्णय भी वापस ले लिया है। हम आपको बता दें कि राज्य सरकार ने पहले चारों हिमालयी धामों— बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में श्रद्धालुओं की अधिकतम दैनिक संख्या निर्धारित करने का फैसला लिया था लेकिन तीर्थ पुरोहित और टूर ऑपरेटर इस निर्णय को वापस लेने का दबाव बना रहे थे। इसलिए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है, ‘‘मुख्यमंत्री द्वारा निर्णय लिया गया है कि चारधाम यात्रा के दौरान प्रत्येक धाम में श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन के लिए सीमित रखने के संबंध में पूर्व में लिए गए निर्णय को वापस लिया जाता है।''

हालांकि, आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि यात्रियों की ट्रैकिंग में मददगार पंजीकरण की ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया जारी रहेगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा तथा भीड़ को नियंत्रित करने हेतु स्थानीय स्तर पर आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जाएगी।

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हम आपको बता दें कि उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट आज से खुल गये हैं। गढ़वाल हिमालय के चारधामों में से दो अन्य धाम, केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल को और बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे। दरअसल सर्दियों में भारी बर्फबारी और भीषण ठंड के कारण हर साल चारों धामों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो छह माह बाद अगले साल गर्मियों में खुलते हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री ने चारधाम श्रद्धालुओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया तथा उन्हें लेकर जा रही बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

ऋषिकेश में आयोजित 'ऋषिकेश से चारधाम यात्रा- 2023' कार्यक्रम में धामी ने चारों धामों के देवी— देवताओं— बाबा केदार, बदरीविशाल, मां गंगोत्री और मां यमुनोत्री से विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी यात्रा के धूमधाम एवं कुशलतापूर्वक संपन्न होने की प्रार्थना की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस बार सरकार की तरफ से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत में 'हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा' करने का भी निर्णय लिया गया है। चारधाम यात्रा को उत्तराखंड के लिए एक 'उत्सव' बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु राज्य में आते हैं जिससे रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अभी तक 16 लाख लोगों द्वारा यात्रा हेतु पंजीकरण करवाया गया है और सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक श्रद्धालु की यात्रा सुगम और शत—प्रतिशत सुरक्षित हो।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें पूर्ण विश्वास है कि इस वर्ष की चारधाम यात्रा पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ेगी। राज्य सरकार सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए दृढ़प्रतिज्ञ है। हमारा प्रयास रहेगा कि यात्रा खत्म होने के बाद अपने घर लौटने वाला प्रत्येक श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखंड में बिताए समय की स्वर्णिम यादें लेकर जाए।’’ 

इस बीच, उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री मंदिर और यमुनोत्री मंदिर के कपाट हवन और वैदिक मंत्रोच्चार के बाद खुल गये। शनिवार दोपहर बाद 12:35 पर गंगोत्री के कपाट खुले जबकि 12:41 पर यमुनोत्री के कपाट खुले। दोनों धामों में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी गांव खरसाली से मां यमुना की डोली के श्री यमुनोत्री धाम प्रवास हेतु ग्राम से शुभ प्रस्थान कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि यमुनोत्री धाम से आज चारधाम यात्रा प्रारंभ हो गई है। मैं सभी को बधाई देता हूं और इस बार की यात्रा हर्षोल्लास के साथ होगी। कोई भी श्रद्धालु यहां आएंगे तो सभी को दर्शन कराएंगे इसलिए कैपिंग की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है।

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