ममता सरकार पर केंद्र का बकाया, गृह मंत्रालय ने राशि चुकाने का दबाव बढ़ाया
मंत्रालय ने एक लिखित संदेश में कहा है कि बकाया के कारण मूल राशि पर जुर्माना लगाया गया है। परिणामस्वरूप अब तक करीब 1852 करोड़ रुपये का निस्तारण होना शेष है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री पर निशाना साधा है। ममता बनर्जी ने भी उनके इस्तीफे की मांग की है। ममता की तरफ से ये टिप्पणी ऐसे वक्त में सामने आई है जब गृह मंत्रालय ने केंद्रीय बलों से बकाया राशि मांगने के लिए राज्य पर दबाव बढ़ाया। मंत्रालय ने एक लिखित संदेश में कहा है कि बकाया के कारण मूल राशि पर जुर्माना लगाया गया है। परिणामस्वरूप अब तक करीब 1852 करोड़ रुपये का निस्तारण होना शेष है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस बारे में किसी ने कुछ नहीं कहा है, लेकिन गृह विभाग के एक सूत्र ने बताया कि राज्य पर केंद्र की बड़ी रकम बकाया है। यह पैसा उन्होंने लंबे समय से रोक रखा है। उस लिहाज से मंत्रालय द्वारा मांगी गई राशि बहुत कम है।
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चुनाव, कानून व्यवस्था सहित कई कारणों से केंद्रीय बलों को राज्यों में तैनात किया जाता है। लगभग सभी मामलों में केंद्र राज्यों से बलों के लिए एक निश्चित राशि की मांग करता है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय की ओर से राज्य प्रशासन के आला अधिकारियों को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि पिछले साल 30 जून तक राज्य पर इस क्षेत्र का करीब 1806 करोड़ बकाया है। पिछले साल एक अक्टूबर से 31 दिसंबर तक करीब 21 करोड़ रुपए भी बकाया थे। मंत्रालय के नियमों के मुताबिक, इस क्षेत्र में 90 दिनों के भीतर भुगतान न करने पर 2.5% की दर से जुर्माना लगाया जाता है। अब तक करीब 44 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ दबा है। कुल मिलाकर राज्य को करीब 1852 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा।
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राज्य के प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार आमतौर पर राज्य अपने दम पर केंद्रीय बल नहीं चाहते हैं। अगर चुनाव होता है तो राष्ट्रीय चुनाव आयोग की सिफारिश पर केंद्रीय बल राज्य में आते हैं। इस राज्य में पिछले कुछ चुनावों में बड़ी संख्या में बल भेजे गए थे। नतीजतन, सैनिकों की तैनाती की सिफारिश करने वाले अधिकारियों को लागत को देखने की जरूरत है। इसे राज्य के कंधों पर डालना उचित नहीं है।
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