केंद्र का राज्यों को निर्देश, होमगार्ड, NCC के साथ दूसरी रक्षा पंक्ति करें तैयार

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ह मंत्रालय ने कहा, ‘‘कोविड-19 की चुनौती से निपटने और कोविड-19 को नियंत्रित करने की रणनीति जारी रखना सुनिश्चित करने के वास्ते पुलिस बलों को उन पुलिस कर्मियों के लिए एक प्रभावी दूसरी रक्षा पंक्ति तैयार करने की जरूरत है जो महामारी के दौरान कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित हो सकते हैं।’’

नयी दिल्ली। कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्च पर तैनात सुरक्षाकर्मियों में से कई कर्मियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने से चिंतित केंद्र ने राज्यों को सुझाव दिया है कि वे जहां भी संभव हो होमगार्ड, नागरिक सुरक्षाकर्मियों और एनसीसी कैडेट को तैनात करके इस खतरनाक वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रभावी दूसरी रक्षा पंक्ति तैयार करें। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा कि पुलिस प्रमुख उन कर्मियों के लिए और जहां भी संभव है, ‘घर से काम करने’ के विकल्प पर विचार कर सकते हैं जो अग्रिम मोर्चे पर तैनात नहीं हैं। गृह मंत्रालय ने कहा, ‘‘कोविड-19 की चुनौती से निपटने और कोविड-19 को नियंत्रित करने की रणनीति जारी रखना सुनिश्चित करने के वास्ते पुलिस बलों को उन पुलिस कर्मियों के लिए एक प्रभावी दूसरी रक्षा पंक्ति तैयार करने की जरूरत है जो महामारी के दौरान कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित हो सकते हैं।’’ अभी तक 200 से अधिक केंद्रीय अर्धसैनिक बल कर्मी कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं पिछले सप्ताह सीआरपीएफ के एक 55 कर्मी की मृत्यु हो गई थी। साथ ही विभिन्न राज्य पुलिस बल के कम से कम तीन पुलिसकर्मियों की इस वायरस से मौत हो गई है। 

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गृह मंत्रालय ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, पुलिस अधिकारियों को जरुरत उत्पन्न होने पर अपने कर्मियों के लिए स्वयं पृथक रहने के नियमों को कड़ाई से लागू करना चाहिए। गृह मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट है जिसने दुनिया भर में एक बड़ी आबादी को प्रभावित किया है। जो वायरस इस बीमारी का कारण बनता है वह अत्यधिक संक्रामक है और यहां तक कि ऐसे व्यक्ति भी अन्य को संक्रमित कर सकते हैं जिनमें इसके कोई लक्षण नहीं हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि पुलिस और सुरक्षाकर्मी कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे हैं, जो बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन और सरकारी दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए ड्यूटी कर रहे हैं। चूंकि उन्हें दैनिक आधार पर जनता के साथ सम्पर्क में आना होता है, इसलिए उनके कोरोना वायरस (कोविड-19) की चपेट में आने का खतरा होता है। उसने कहा, ‘‘ऐसी घटनाएं सामने आयी हैं जिसमें पुलिस और सुरक्षाकर्मी संक्रमित हुए हैं। इसलिए, पुलिसकर्मियों को अपने निर्धारित कार्यों को करते समय बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत कराना जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोविड-19 प्रसार के लिए जो रणनीति अपनाई गई है, वह टिकाऊ बनी रहे।’’ उसने कहा कि ऐसे मामलों के मद्देनजर बरती जाने वाली सावधानी और उपायों को दोहराने के लिए दिशानिर्देश जारी करना वांछनीय है।

गृह मंत्रालय ने कहा कि पुलिस अधिकारी पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी के स्थान को सेनेटाइज करने के लिए आवश्यक सावधानी बरत सकते हैं। उसने परामर्श में कहा कि पुलिस या सुरक्षाकर्मियों को सलाह दी जा सकती है कि वे स्वच्छता का उचित ध्यान रखकर और एकदूसरे से दूरी बनाकर स्वयं को सुरक्षित रख सकते हैं।

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मंत्रालय ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को अपने कर्मियों को हैंड सेनिटाइज़र, साबुन, मास्क, फेस शील्ड, दस्ताने, सुरक्षित भोजन इत्यादि सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराकर और उन्हें उचित प्रशिक्षण देकर उनकी सुरक्षा का ध्यान रख सकते हैं। उसने कहा कि होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, एनसीसी कैडेट, स्काउट एंड गाइड और स्टूडेंट पुलिस कैडेट का उन क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सकता है जहां आसन्न कानून और व्यवस्था के मुद्दे नहीं हैं। मंत्रालय के अनुसार, वे विशेष रूप से राहत केंद्रों पर व्यवस्था बनाए रखने और आपूर्ति श्रृंखला के रखरखाव और अन्य आवश्यक सेवाओं के समन्वय के लिए मदद कर सकते हैं। कोविड-19 से संबंधित ड्यूटी करते हुए, पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को आम जनता की मदद करनी चाहिए और विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों के साथ उनका व्यवहार सहानुभूति वाला होना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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