CAA, NRC और NPR अलग नहीं, एक ही हैं: शरद यादव
शरद यादव ने बैठक में 14 राज्यों के पार्टी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुये लोजद के गठन को सच की लड़ाई का प्रतिफल बताया। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा कि कुछ समय पहले तक एक व्यक्ति कह रहा था कि मर जाऊँगा लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाऊँगा।
नयी दिल्ली। वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने कहा है कि संशोधित नागरिकता क़ानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) एक दूसरे से अलग नहीं बल्कि तीनों एक ही हैं। यादव ने शुक्रवार को लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की यह दलील ग़लत है कि सीएए और एनआरसी अलग है। बिहार में सत्तारूढ़ जदयू से अलग हुये नेताओं ने पिछले साल लोजद का गठन किया था। नवगठित पार्टी के संरक्षक के रूप में यादव ने लोजद की प्रदेश इकाइयों से देश में मौजूदा विकट परिस्थितियों की सच्चाई को जनता तक ले जाने की अपील की। पार्टी के अध्यक्ष एसएन गौतम की अध्यक्षता में हुयी कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर विपक्षी दलों की एकजुटता के अभाव पर चिंता व्यक्त की गयी। पार्टी कार्यकारिणी ने यादव को विभिन्न दलों के साथ लोजद के गठबंधन करने और विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिये अधिकृत करने का प्रस्ताव पारित किया।
#SupremeCourt order should be a lesson and big blow to the Govt which has curbed free movement in J&K six months ago. Democracy in the country can't survive as the way the present ruling party has been functioning arbitrarily. Govt should amend its style before it is too late.
— SHARAD YADAV (@SharadYadavMP) January 10, 2020
यादव ने बैठक में 14 राज्यों के पार्टी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुये लोजद के गठन को सच की लड़ाई का प्रतिफल बताया। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा, “कुछ समय पहले तक एक व्यक्ति कह रहा था कि मर जाऊँगा लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाऊँगा। बाद में वह भाजपा के साथ चला गया। इसके बाद मैं सच के साथ अकेला खड़ा रह गया।” यादव ने पार्टी नेताओं से कहा कि संघर्ष के अंतिम पड़ाव तक सच का साथ देते हुये उन्हें लोजद का विस्तार करने का संकल्प लेना चाहिये।उन्होंने लोजद के अन्य दलों के साथ गठजोड़ के मुद्दे पर कहा, ‘‘आरजेडी सहित अन्य दलों के साथ बातचीत चल रही है। पार्टी के विस्तार के लिए जो प्रस्ताव कार्यकारिणी ने पारित किया है उसके लिए मैं निरंतर कम कर रहा हूँ।’’ बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में यादव ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली केन्द्र सरकारने संस्कृति के नाम पर समाज को धार्मिक आधार पर बांटने के लिए सीएए को हथियार बनाया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा प्रस्तावित सीएए में ‘धार्मिक अल्पसंख्यक’ के बारे में प्रावधान था। लेकिन इस सरकर ने सीएए में छह धर्मों का ज़िक्र कर देश को बाँटने का प्रयास किया है।
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सीएए के खिलाफ विपक्षी दलों की 13 जनवरी को आहूत बैठक का तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी द्वारा बहिष्कार करने के सवाल पर यादव ने कहा कि देश बहुत बड़ा है, और सभी राज्यों में स्थानीय मुद्दे अलग अलग हैं। ऐसे में विभिन्न दलों के बीच समन्यवय कायम करने में समय लगता है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पूरे विपक्ष से देश और संविधान की खातिर सीएए के विरोध में गोलबंद होने की अपील है।’’ यादव ने कहा, ‘‘इससे पहले आज़ाद भारत में लोगों में इतनी बेचैनी कभी नहीं देखी गई। इसका कारण संविधान पर मँडराता ख़तरा है। इस ख़तरे को देश की जनता महसूस कर रही है। इसलिये समान विचारधारा वाले सभी दलों को एकजुट होने का समय आ गया है।’’जेएनयू में छात्रों के गुटों में हिंसक झड़प के बारे में उन्होंने कहा कि जेएनयू की घटना विश्विवद्यालय प्रशासन की देखरेख में हुयी। जिसके कारण देश के सबसे अग्रणी विश्वविद्यालय में तबाही का मंज़र देखने को मिला।
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