Umesh Pal हत्या के आरोपी मोहम्मद गुलाम के पुश्तैनी मकान पर चला बुलडोजर
हालांकि, मोहम्मद गुलाम के भाई और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा, महानगर के पूर्व अध्यक्ष राहिल हसन ने दावा किया कि इस पुश्तैनी मकान में उनके भाई मोहम्मद गुलाम ने अपना हिस्सा बेच दिया था।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद गुलाम के पुश्तैनी मकान पर सोमवार को बुलडोजर चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। हालांकि, मोहम्मद गुलाम के भाई और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा, महानगर के पूर्व अध्यक्ष राहिल हसन ने दावा किया कि इस पुश्तैनी मकान में उनके भाई मोहम्मद गुलाम ने अपना हिस्सा बेच दिया था। प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि इस मकान का नक्शा पास नहीं था और इसे अवैध तरीके से बनाया गया था।
उन्होंने बताया कि प्रशासन की टीम दोपहर करीब 12:00 बजे शिवकुटी थाना अंतर्गत तेलियरगंज के रसूलाबाद में स्थित गुलाम के मकान पर पहुंची। प्रशासन ने मकान खाली करवाने के बाद मकान के सामने सड़क के दोनों रास्तों पर बैरिकेड लगा दिया और दो बुलडोजर को मकान ढहाने के काम में लगाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करीब चार घंटे में पूरी हुई। इस दौरान भारी संख्या में लोग अपनी छतों से और बैरिकेड के दूसरी ओर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई देखते रहे। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
राहिल हसन ने मीडिया को बताया, “हम हाउस टैक्स और बिजली का बिल समय से जमा करते रहे हैं। भाई (गुलाम) ने बहुत गलत काम किया है और हमारा पूरा परिवार उनके खिलाफ है। हमने तय किया है यदि ऐसा कुछ (मुठभेड़ में मारे जाने) होता है तो हम उनका शव भी नहीं लेंगे।”
उन्होंने कहा, “हमारा परिवार निर्दोष है, लेकिन इस घटना के लिए पूरे परिवार को दोषी माना जा रहा है। भाई ने इस पुश्तैनी मकान में अपना हिस्सा बेच दिया था, और उन्होंने यह कहते हुए कि जब वह अपना मकान बनवा लेंगे, तो शिफ्ट हो जाएंगे, कुछ समय तक रहने के लिए जगह मांगी थी। उन्हें रहने के लिए एक कमरा दिया गया था।”
राहिल हसन ने कहा, “लेकिन ऐसा हो ना सका और आज हमारे सिर से छत हट रही है। उनके किए की सजा पूरा परिवार भुगत रहा है।” उल्लेखनीय है कि उमेश पाल हत्याकांड में मोहम्मद गुलाम के शामिल होने की बात सामने आने पर तीन मार्च को भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी ने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष पद से राहिल हसन को हटाते हुए इस मोर्चे को भंग कर दिया था। मोहम्मद गुलाम उन प्रमुख पांच आरोपियों में से एक है जिस पर सरकार ने पांच लाख रुपए का इनाम घोषित किया है।
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