रिश्वत मामला: सीबीआई ने पीईएसओ अधिकारी के नागपुर आवास से 5.86 लाख नकद बरामद किये

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इसके अनुसार कंपनी अपनी इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर विनिर्माण क्षमता का 75 प्रतिशत तक उपयोग मार्च 2024 तक करना चाहती थी और आरोपी ने कथित तौर पर इसे सुविधाजनक बनाने के लिए कंपनी के मौजूदा लाइसेंस में संशोधन में मदद की। सीबीआई ने बुधवार शाम देशपांडे और कछवाहा को यहां सेमिनरी हिल्स पर पीईएसओ कार्यालय के पास एक टाइपिंग की दुकान पर कथित तौर पर 10 लाख रुपये नकद लेते पकड़ा। इसके बाद, एजेंसी ने देशपांडे के आवास से कथित तौर पर 1.25 करोड़ रुपये और एक आरोपी पीईएसओ अधिकारी के कार्यालय से 90 लाख रुपये बरामद किए।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वतखोरी के एक कथित मामले में पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) के एक अधिकारी के महाराष्ट्र के नागपुर स्थित आवास पर छापा मारा और बिना हिसाब की 5.86 लाख रुपये की नकदी बरामद की। यह जानकारी एक अधिकारी ने शनिवार को दी। अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को की गई इस छापेमारी के साथ, इस रिश्वत मामले में अब तक कुल लगभग 2.22 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की जा चुकी है। अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने बृहस्पतिवार को पीईएसओ में विस्फोट उप मुख्य नियंत्रक अशोक कुमार दलेला और विवेक कुमार को कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने नागपुर निवासी प्रियदर्शन दिनकर देशपांडे और राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिला स्थित सुपर शिवशक्ति केमिकल के निदेशक देवी सिंह कछवाहा को भी गिरफ्तार किया था।

उन्होंने कहा कि की जा रही जांच के तहत, सीबीआई अधिकारियों ने शुक्रवार को पीईएसओ के मुख्य विस्फोटक नियंत्रक पी कुमार के हजारीपहाड़ इलाके में किराये के आवास पर छापेमारी की थी और बिना हिसाब की नकदी और अन्य दस्तावेज बरामद किए थे। अधिकारी ने कहा कि कुमार की तीन संपत्तियों की पहचान नवी मुंबई के पनवेल, गाजियाबाद और उत्तर प्रदेश के मेरठ में की गई है। उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान सीबीआई टीम ने 5.86 लाख रुपये की नकदी बरामद किए, जिसके बाद कुमार से पूछताछ की गई। पीईएसओ विस्फोटक, संपीड़ित गैस और पेट्रोलियम जैसे खतरनाक पदार्थों की सुरक्षा को विनियमित करने वाली एक नोडल सरकारी एजेंसी है। प्राथमिकी के अनुसार, देशपांडे ने एक मध्यस्थ के रूप में काम करते हुए पीईएसओ अधिकारियों को रिश्वत देकर कछवाहा की कंपनी के लिए काम पाने की साजिश रची।

इसके अनुसार कंपनी अपनी इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर विनिर्माण क्षमता का 75 प्रतिशत तक उपयोग मार्च 2024 तक करना चाहती थी और आरोपी ने कथित तौर पर इसे सुविधाजनक बनाने के लिए कंपनी के मौजूदा लाइसेंस में संशोधन में मदद की। सीबीआई ने बुधवार शाम देशपांडे और कछवाहा को यहां सेमिनरी हिल्स पर पीईएसओ कार्यालय के पास एक टाइपिंग की दुकान पर कथित तौर पर 10 लाख रुपये नकद लेते पकड़ा। इसके बाद, एजेंसी ने देशपांडे के आवास से कथित तौर पर 1.25 करोड़ रुपये और एक आरोपी पीईएसओ अधिकारी के कार्यालय से 90 लाख रुपये बरामद किए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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