भाजपा स्वामी विवेकानंद का ‘अपमान करने’ को लेकर माफी मांगे: तृणमूल कांग्रेस

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तृणमूल कांग्रेस राजनीति करने और लोगों को गुमराह करने की चेष्टा कर रही है। तृणमूल को हमें चीजें सिखाने से दूर रहना चाहिए तथा स्वयं को स्वामीजी के उपदेशों से अवगत कराना चाहिए।’’ मजूमदार के स्पष्टीकरण के बाद भी तृणमूल अपने रूख पर कायम है और उसने मजूमदार एवं शाह से तत्काल माफी मांगने की मांग पर जोर दिया है। तृणमूल कांग्रेस नीत राज्य सरकार में मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘‘ हम जानते हैं कि भाजपा और उसके नेताओं के मन में बंगाल के महापुरूषों के प्रति कम से कम सम्मान भाव है। हमने देखा कि कैसे 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान अमित शाह की रैली में भाजपा के गुंडों ने ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़ दी थी। हम मजूमदार और शाह से तत्काल माफी मांगने की मांग करते हैं।’’ तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। उनके हाथों में पोस्टर और तख्तियां थीं।

तृणमूल कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की कथित रूप से स्वामी विवेकानंद को लेकर की गई टिप्पणी के विरुद्ध यहां रैली निकाली तथा मजूमदार एवं संगठन की बैठकों के लिए यहां आये केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से तत्काल माफी मांगने की मांग की। रविवार शाम को एक वीडियो सामने आया था जिसमें मजूमदार यह कहते हुए सुने गये, ‘‘बंगाल भक्ति आंदोलन का उद्गम रहा और उसने सभी कालखंड में ‘सनातन धर्म’ को अपनाया लेकिन वामपंथियों के चलते वह कुछ समय के लिए भटक गया। जिन लोगों ने गीता से बढ़कर फुटबॉल को प्राथमिकता दी, वे वामपंथी सोच की उपज हैं और यह साबित करते हैं कि अल्पज्ञान खतरनाक चीज है। आज से (24 दिसंबर को गीता पाठ के दिन से)बंगाल सही मार्ग पर चलेगा।’’

‘पीटीआई-भाषा’ इस वीडियो क्लिप की प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सकी है। रविवार को यहां ब्रिगेड परेड ग्राउंड में अपने तरह के अनूठे समागम में विभिन्न पृष्ठभूमियों के करीब एक लाख लोगों ने भगवद् गीता के श्लोकों का सामूहिक रूप से पाठन किया था। सोमवार को मजूमदार ने कहा कि फुटबॉल और गीता पर उनकी टिप्पणी को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने एक दिन पहले ही टीईटी परीक्षा के प्रश्नपत्र को लीक होने से रोक पाने में अपनी कथित नाकामी और झूठ फैलाने के इरादे से गलत ढंग से लिया। मजूमदार ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने तो स्वामी विवेकानंद का कोई जिक्र ही नहीं किया। मैं कैसे कर सकता हूं? यदि आप वीडियो में मेरी टिप्पणी को ध्यान से सुनें तो आप पाएंगे कि मैंने आज के वामपंथियों का उल्लेख किया।

तृणमूल कांग्रेस राजनीति करने और लोगों को गुमराह करने की चेष्टा कर रही है। तृणमूल को हमें चीजें सिखाने से दूर रहना चाहिए तथा स्वयं को स्वामीजी के उपदेशों से अवगत कराना चाहिए।’’ मजूमदार के स्पष्टीकरण के बाद भी तृणमूल अपने रूख पर कायम है और उसने मजूमदार एवं शाह से तत्काल माफी मांगने की मांग पर जोर दिया है। तृणमूल कांग्रेस नीत राज्य सरकार में मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘‘ हम जानते हैं कि भाजपा और उसके नेताओं के मन में बंगाल के महापुरूषों के प्रति कम से कम सम्मान भाव है। हमने देखा कि कैसे 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान अमित शाह की रैली में भाजपा के गुंडों ने ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़ दी थी। हम मजूमदार और शाह से तत्काल माफी मांगने की मांग करते हैं।’’ तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। उनके हाथों में पोस्टर और तख्तियां थीं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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