BJP-Sangh हिंसा में विश्वास रखते हैं, हिंदुत्व का एजेंडा राजस्थान में कारगर नहीं होगा : गहलोत

Ashok Gehlot
प्रतिरूप फोटो
ANI

गहलोत ने दावा किया कि उनकी ही सरकार ने गायों के लिए एक निदेशालय की स्थापना की, ‘गौ शालाओं’ के लिए नौ महीने का अनुदान जारी किया, लंपी त्वचा रोग से मरने वाली प्रत्येक गाय के लिए 40,000 रुपये दिए और मवेशियों को मुफ्त इलाज व दवाएं प्रदान कीं लेकिन “गाय के नाम पर कभी वोट नहीं मांगा”

जोधपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर लोगों को धर्म के नाम पर हिंसा के लिए उकसाने का आरोप लगाया और कहा कि हिंदुत्व का एजेंडा इस चुनावी राज्य में काम नहीं करेगा। बाड़मेर, जालौर और सिरोही जिलों में चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के एक दिन बाद गहलोत ने जालौर में मीडियाकर्मियों से यह बात कही। उन्होंने कहा, “भाजपा-आरएसएस हिंसा में विश्वास करते हैं। ये लोगों को धर्म के नाम पर भड़काते हैं। वे धर्म और गाय के नाम पर वोट मांगते हैं, लेकिन हम नहीं।” गहलोत ने दावा किया कि उनकी ही सरकार ने गायों के लिए एक निदेशालय की स्थापना की, ‘गौ शालाओं’ के लिए नौ महीने का अनुदान जारी किया, लंपी त्वचा रोग से मरने वाली प्रत्येक गाय के लिए 40,000 रुपये दिए और मवेशियों को मुफ्त इलाज व दवाएं प्रदान कीं लेकिन “गाय के नाम पर कभी वोट नहीं मांगा”।

उन्होंने कहा, “तो क्या हम हिंदू नहीं हैं? हम उनसे ज्यादा हिंदू धर्म में आस्था रखते हैं। हमने गौ माता की सेवा की है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा-आरएसएस के “हिंदुत्व के एजेंडे को राजस्थान में काम नहीं करने दिया जाएगा”। उन्होंने कहा, “राजस्थान में सभी जाति और धर्म के लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे और सद्भावना की राजनीति करेंगे, लोकतंत्र को मजबूत करेंगे और वोट के अधिकार की रक्षा करेंगे।” गहलोत ने यह भी दावा किया कि भाजपा-आरएसएस में कई लोगों का हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है और वे सिर्फ राम मंदिर बनाने और धर्म की राजनीति करने के लिए हिंदू बन गए हैं। उन्होंने कहा कि देश आज संकट में है और “देश में एक बहुत खतरनाक खेल खेला जा रहा है, जिसने संविधान की धज्जियां उड़ा दी हैं और लोकतंत्र को खतरे में डाल दिया है।“ आलोचना के प्रति असहिष्णुता की बात करते हुए, गहलोत ने भाजपा-आरएसएस को आलोचना सहने की सीख दी और उसे (आलोचना को) “लोकतंत्र का गहना” करार दिया।

उन्होंने कहा, “वे आलोचना सहन नहीं कर सकते। मैं भाजपा-आरएसएस और अन्य राजग नेताओं से आलोचना सहन करने की अपील करता हूं। अन्यथा आपको प्रतिक्रिया कैसे मिलेगी?” मुख्यमंत्री ने दावा किया कि वह हमेशा आलोचना का स्वागत करते हैं और उससे खुद को सुधारते हैं। गहलोत ने अपनी सरकार की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा, “राजस्थान कभी भी दिल्ली में खबरों में नहीं था, न संसद में और न ही इसके बाहर लेकिन आज हर राज्य में उसकी अनूठी योजनाओं की चर्चा हो रही है।” उन्होंने कहा, “आज, कई राज्यों ने अपने चुनाव घोषणापत्र का मसौदा तैयार करते समय राजस्थान को ध्यान में रखा है। मुझे यकीन है कि अगर पहला नहीं भी, तो राजस्थान 2030 तक देश के शीर्ष राज्यों में शामिल होगा।” राजस्थान में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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