मेरठ छोड़ मुंबई पहुंच गए BJP के 'राम', अरुण गोविल की पोस्ट से अटकलों का बाजार गर्म, कांग्रेस का भी तंज
बाद में गोविल ने अपना पोस्ट हटा दिया। उन्होंने एक और पोस्ट किया और सबका आभार जताया। उन्होंने लिखा कि होली के दिन 24 मार्च को भारतीय जनता पार्टी ने मेरे नाम की घोषणा की और उनके निर्देश पर 26 मार्च को मैं आपके बीच पहुँच गया। 1 महीना आपके साथ रहकर आपके सहयोग से चुनाव प्रचार किया।
मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार अरुण गोविल, जहां शुक्रवार को मतदान हुआ था, ने रविवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर एक गुप्त पोस्ट से हलचल मचा दी, जिससे राजनीतिक अटकलें तेज हो गईं। यह पोस्ट गोविल के मुंबई रवाना होने के एक दिन बाद सामने आई। दरअसल, उनके अचानक मेरठ से चले जाने ने स्थानीय लोगों का भी ध्यान खींचा था। एक्स पर गोविल ने पोस्ट में लिखा था कि जब किसी का दोगलापन सामने आता है, तो खुद के प्रति गुस्सा और बढ़ जाता है, एहसास होता है कि हमने ऐसे व्यक्ति पर आंखें बंद करके कैसे भरोसा किया। जय श्री राम।
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हालांकि, बाद में गोविल ने अपना पोस्ट हटा दिया। उन्होंने एक और पोस्ट किया और सबका आभार जताया। उन्होंने लिखा कि होली के दिन 24 मार्च को भारतीय जनता पार्टी ने मेरे नाम की घोषणा की और उनके निर्देश पर 26 मार्च को मैं आपके बीच पहुँच गया। 1 महीना आपके साथ रहकर आपके सहयोग से चुनाव प्रचार किया। चुनाव संपन्न हुआ। आपके प्रेम, सहयोग और सम्मान के लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूँ। अब पार्टी के निर्देश पर मैं मुंबई में हूँ यहाँ की ज़िम्मेदारी पूरी करने के लिये। पार्टी मुझे चुनाव प्रचार के लिये दूसरे क्षेत्रों में भी भेजने का कार्यक्रम बना रही है इस प्रक्रिया के पूरा होते ही मैं आपके बीच पहुँच जाऊँगा और मेरठ की जनता और भारतीय जनता पार्टी के सम्मानित कार्यकर्ताओं को साथ लेकर आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में मेरठ को और उचाइयों तक ले जाने के लिये प्रयास आरंभ कर दूँगा।
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने अपने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया कि जनता ऐसे नेता से क्या उम्मीद कर सकती है जो मतदान के अगले दिन ही शायद इसलिए चुनाव क्षेत्र छोड़कर चला गया क्योंकि उसे जनता के बीच रहना मुश्किल हो रहा था। अजय राय ने कहा, "केवल भगवान ही हमें ऐसे नेता-सह-अभिनेता से बचा सकते हैं।" उन्होंने कहा कि जब अरुण गोविल से मेरठ के मुद्दों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह चुनाव के बाद मुद्दों पर गौर करेंगे।
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हालांकि, बड़ा सवाल यह है कि गोविल ने पहला पोस्ट किसके लिए किया था। किस पर उन्होंने आंखें बंद करके भरोसा किया? किसका दोगलापन उनके सामने आया? इसको लेकर खूब चर्चा हो रही है। यदि पोस्ट स्वयं इतना गूढ़ नहीं था, तो कुछ ही समय बाद इसे हटाने का भाजपा नेता का निर्णय निश्चित रूप से था। राजनीतिक हलकों में हर कोई पोस्ट के इच्छित लक्ष्य और उसके निहितार्थ का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। मेरठ में, समाजवादी पार्टी दलित-मुस्लिम जनसांख्यिकी को भुनाने के लिए अपने दलित उम्मीदवार सुनीता वर्मा पर भरोसा करने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है।
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