तीन तलाक कानून: भाजपा बोली, मुस्लिम महिलाओं के भाई हैं PM मोदी, उन्हें उनका हक दे रहे
उन्होंने कहा कि हिंदू कोड बिल के समय भी इसी तरह का विरोध हुआ था और इसी तरह के तर्क दिए गए थे जो अब दिए जा रहे हैं। लेखी ने कहा कि हिन्दू महिलाओं को न्याय उसी हिंदू कोड बिल के कारण संभव हुआ।
नयी दिल्ली। भाजपा ने तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को निषेध करने वाले विधेयक को महिलाओं के लिए न्याय देने लिए उठाया गया कदम करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी इसके जरिए प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाते हुए मुस्लिम महिलाओं हक उनका दे रहे हैं जो राजीव गांधी ने 1980 के दशक में नहीं किया था। लोकसभा में ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019’ पर चर्चा शुरुआत करते हुए भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने कहा कि विपक्ष के लोगों को यह बात हजम नहीं हो पा रही है कि नरेंद्र मोदी जैसे हिंदू मुस्लिम महिलाओं के ‘भाई’ कैसे बन गए। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री हैं और वह अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
Law Minister @rsprasad started the discussion on #TripleTalaq Bill in Lok Sabha today.
— RSPrasad Office (@OfficeOfRSP) July 25, 2019
The Bill has been brought to ban the practice of Triple Talaq and provide protection to Muslim Women. pic.twitter.com/ThAgHV9bhh
लेखी ने कहा कि राजीव गांधी 1980 के दशक में शाह बानो के समय इस जिम्मेदारी को निभा सकते थे, लेकिन उन्होंने नहीं किया। उन्होंने कहा कि हिंदू कोड बिल के समय भी इसी तरह का विरोध हुआ था और इसी तरह के तर्क दिए गए थे जो अब दिए जा रहे हैं। लेखी ने कहा कि हिन्दू महिलाओं को न्याय उसी हिंदू कोड बिल के कारण संभव हुआ। उन्होंने कहा कि यह कहना बिल्कुल उचित नहीं है कि दैवीय कानून को नहीं बदला जा सकता। लेखी ने कहा कि इस देश का एक ही धर्म है और वो है भारत का संविधान। धर्म घर के भीतर होता है। घर के बाहर संविधान लागू होता है।
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भाजपा सांसद ने कहा कि दुनिया के 20 से अधिक मुस्लिम देशों में तलाक-ए-बिद्दत पर रोक लगी है। ऐसे में धर्मनिरपेक्ष भारत में इस पर रोक क्यों नहीं लगनी चाहिए? उन्होंने कहा कि इस देश में महिलाएं सबसे बड़ी अल्पसंख्यक हैं और उन्हें न्याय मिलना चाहिए। लेखी ने कहा कि यह तर्क दिया जा रहा है कि मुस्लिम समाज खुद फैसला करेगा। क्या वो लोग फैसला करेंगे जो महिलाओं की पीड़ा के लिए जिम्मेदार हैं? क्या पहले यह कहा जाता कि महिलाएं सती हो रही हैं तो होने दीजिए? ऐसा नहीं होता है। समस्याओं को खत्म करने के लिए कानून बनाना पड़ता है।
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