Cash For Query: BJP सांसद निशिकांत दुबे का महुआ मोइत्रा पर हमला, बोले- हीरानंदानी जैसे PA ने नियम नहीं बताए
टीएमसी सांसद पर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी को पैसे और उपहारों के बदले समर्पित ऑनलाइन पोर्टल पर सीधे संसद प्रश्न पोस्ट करने की अनुमति देने का आरोप है। यह मुद्दा सबसे पहले दुबे ने उठाया था और उन्होंने शिकायत दर्ज कर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इसकी जांच शुरू करने की मांग की थी।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने गुरुवार को संसदीय कार्यों पर एक सरकारी बुलेटिन का एक अंश साझा करके तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर ताजा हमला किया। उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा कि यह है लोकसभा का आदेश, जो साफ़ कहता है कि गोपनीयता का मतलब सूचना केवल और केवल सांसद तक सीमित रहे। क्योंकि सांसद जब प्रश्न पूछते हैं तो संसद शुरू होने के एक घंटा पहले उत्तर सांसद को मिलता है, इससे शेयर मार्केट,कम्पनी की स्थिति में उतार चढ़ाव,देश की सुरक्षा में सेंध, दूसरे देशों के साथ अपने सम्बन्धों पर समय से पहले जानकारी मिल जाने पर आर्थिक, सुरक्षा से खिलवाड़। आरोपी भ्रष्टाचारी सांसद को शायद हीरानंदानी जैसे PA ने यह पढ़कर नहीं बताया? चोरी व सीनाज़ोरी का उदाहरण।
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टीएमसी सांसद पर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी को पैसे और उपहारों के बदले समर्पित ऑनलाइन पोर्टल पर सीधे संसद प्रश्न पोस्ट करने की अनुमति देने का आरोप है। यह मुद्दा सबसे पहले दुबे ने उठाया था और उन्होंने शिकायत दर्ज कर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इसकी जांच शुरू करने की मांग की थी। इसके बाद लोकसभा आचार समिति ने जांच शुरू कर दी, जिसने हाल ही में सांसद के रूप में मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की है। जांच के बीच, हीरानंदानी ने मोइत्रा के लॉगिन विवरण का उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की और इसे 'निर्णय की एक पागल गलती और बेहद अफसोसजनक' बताया। इस बीच, कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्र के सांसद ने दावा किया कि लॉगिन क्रेडेंशियल साझा करने के संबंध में कोई विनियमन नहीं है।
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इससे पहले तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने दावा किया था कि नरेन्द्र मोदी सरकार अडाणी समूह के कथित कोयला घोटाले को उठाने वाले लोगों का मुंह बंद करना चाहती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि लोकसभा से निष्कासित करने की आचार समिति की सिफारिश उसी दिशा में ‘‘हताशा भरा कदम’ है। तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के आरोप का सामना कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मुद्दा यह है कि किसी सांसद को सदन में सवाल उठाने की अनुमति कैसे नहीं दी जाए। उन्होंने कहा, “अडाणी 13,000 करोड़ रुपये के कोयला घोटाले में शामिल हैं। किसी भी अन्य देश में, इस वजह से सरकार गिर जाती। श्री मोदी दिल से यह जानते हैं। इसलिए वे लोग इसे अधिकतम समय तक दबाए रखने के लिए बेचैन हैं।’’
यह है लोकसभा का आदेश,जो साफ़ कहता है कि गोपनीयता का मतलब सूचना केवल और केवल सांसद तक सीमित रहे।क्योंकि सांसद जब प्रश्न पूछते हैं तो संसद शुरू होने के एक घंटा पहले उत्तर सांसद को मिलता है,इससे शेयर मार्केट,कम्पनी की स्थिति में उतार चढ़ाव,देश की सुरक्षा में सेंध,दूसरे देशों के साथ… pic.twitter.com/1rsUkG0BMt
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) November 23, 2023
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