BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ‘बिहार और बिहारियों’ से नफरत करती है: तेजस्वी

Tejashwi Prasad Yadav
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तेजस्वी ने कहा, ‘‘अगर हमें विशेष राज्य का दर्जा मिलता है, तो हम और अधिक तेजी से प्रगति करेंगे और जल्द ही देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल होंगे।’’ तेजस्वी के पास शहरी विकास और आवास विभाग का प्रभार भी है।

पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार ‘‘बिहार और बिहारियों से नफरत’’ करती है। तेजस्वी ने 2023-24 में राज्य में कई विकासात्मक परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार के शहरी विकास और आवास विभाग को अतिरिक्त अनुदान देने पर बिहार विधानसभा में चर्चा के बाद अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘‘बिहार अपने वित्त का प्रबंधन अपने दम पर कर रहा है। बिहार सबसे योग्य राज्य है जिसे केंद्र से विशेष वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की हमारी मांग का क्या हुआ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र, बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। बिहार लंबे समय से विशेष दर्जा पैकेज की मांग कर रहा है लेकिन केंद्र ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को बिहार और बिहारियों से नफरत है।’’ तेजस्वी ने कहा, ‘‘अगर हमें विशेष राज्य का दर्जा मिलता है, तो हम और अधिक तेजी से प्रगति करेंगे और जल्द ही देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल होंगे।’’ तेजस्वी के पास शहरी विकास और आवास विभाग का प्रभार भी है। उन्होंने राज्य के शहरी स्थानीय निकायों को पर्याप्त केंद्रीय सहायता नहीं मिलने की शिकायत करते हुए यह दावा किया कि बिहार अपने प्रयासों से बुनियादी ढांचे के विकास के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य बना।

उन्होंने कहा, ‘‘बिहार के लोग भाजपा को माफ नहीं करेंगे और भगवा पार्टी को आगामी संसदीय चुनावों में अपमानजनक हार का सामना करना पड़ेगा। वे (भाजपा के शीर्ष नेता) 2024 के लोकसभा चुनाव से डरे हुए हैं। हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी नेताओं को एकजुट करने की पहल कर दी है।’’ तेजस्वी ने कहा कि 23 जून को पटना में विपक्षी नेताओं की बैठक 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों का गठबंधन बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम था। उन्होंने दावा किया कि आने वाले दिनों में विपक्षी एकता और मजबूत होगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि आने वाले चुनावों में भाजपा का सफाया हो जाएगा और 2024 के चुनावों में भाजपा का दोबारा सत्ता में आना असंभव है।’’

भाजपा विधायकों द्वारा विधानसभा में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने और कथित भूखंड के बदले नौकरी घोटाले में तेजस्वी के खिलाफ हाल में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के आरोप पत्र पर उनके इस्तीफे की मांग करने पर राजद नेता ने कहा, ‘‘मेरे खिलाफ चार जुलाई को दायर किया गया सीबीआई का आरोप पत्र पहला आरोप पत्र नहीं था। और मुझे यकीन है कि यह आखिरी आरोप पत्र नहीं होगा। मैं इस पर और कुछ नहीं कहूंगा....मैं बस जनता के फैसले पर विश्वास करता हूं। हमारी पार्टी 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी थी और अब 2025 के राज्य विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत के साथ फिर से महागठबंधन सरकार आएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं किसी भी आरोप पत्र से नहीं डरता। जब भाजपा को राज्य में डर लगता है या उसकी हार होती है तो वह जांच एजेंसियों को आगे कर देती है। वे (भाजपा) केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए विपक्षी नेताओं को डराने की कोशिश कर रहे हैं।’’

तेजस्वी ने कहा, ‘‘भाजपा लालू प्रसाद और नीतीश कुमार से डरी हुई है।यह तब स्पष्ट हुआ जब अजित पवार ने अन्य नेताओं के साथ महाराष्ट्र में सरकार के साथ गठबंधन किया।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा के पास भ्रष्टाचार के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।’’ वंशवादी राजनीति के आरोपों को लेकर भाजपा नेताओं पर हमला करते हुए तेजस्वी ने कहा, ‘‘भगवा नेताओं को वंशवादी राजनीति पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कई वंशवादियों को भाजपा में शामिल किया है और उनमें से कुछ केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी हैं।’’

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उन्होंने कहा कि मोदी के मंत्रिमंडल में कई प्रमुख चेहरे राजनीतिक परिवारों से आते हैं जिनमें पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर, निर्मला सीतारमण, किरण रिजिजू, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, सुवेंदु अधिकारी, राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह, वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह, पूनम महाजन, तेजस्वी सूर्या आदि शामिल हैं। भाजपा पर वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए देश भर में सांप्रदायिक नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा नेता बढ़ती बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में बात नहीं करेंगे। जब भाजपा विपक्ष में थी तो महंगाई उनके लिए डायन थी लेकिन अब यह उनके लिए महबूबा बन गई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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