उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों में भाजपा का परचम, आम आदमी पार्टी ने पंजाब में मारी बाजी
भाजपा ने राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में अपनी सत्ता बरकरार रखी, जबकि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने तीन चौथाई बहुमत के साथ पंजाब में ‘‘प्रचंड जीत’’ हासिल की है।
नयी दिल्ली। भाजपा ने राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में अपनी सत्ता बरकरार रखी, जबकि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने तीन चौथाई बहुमत के साथ पंजाब में ‘‘प्रचंड जीत’’ हासिल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की बदौलत ‘नया इतिहास’ रचते हुए करीब तीन दशकों बाद उत्तर प्रदेश में निवर्तमान सरकार की सत्ता में वापसी हुई है। इसके साथ ही, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए होली का जश्न मनाने का मौका एक सप्ताह पहले आ गया।
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आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब में अपने जबरदस्त प्रदर्शन के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले विपक्षी खेमे में राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई है। वहीं, कांग्रेस का शासन अब केवल राजस्थान और छत्तीसगढ़ तक सिमट गया है। मोदी ने दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह नतीजे पार्टी के ‘‘गरीब हितैषी और अति सक्रिय शासन’’ पर जनता की ‘‘बड़ी मजबूत मुहर’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग उत्तर प्रदेश को जाति के चश्मे से देखते हैं, वे इसका अपमान करते हैं। राज्य के लोगों ने 2014 से हर बार विकास की राजनीति के लिए वोट दिया है।’’
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अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप को दिल्ली के बाहर अप्रत्याशित जनादेश और गोवा में दो सीटों से विपक्षी खेमे में पार्टी की मजबूत स्थिति बनने की संभावना है। केजरीवाल ने पंजाब में पार्टी के प्रदर्शन को ‘‘क्रांति’’ बताया। अगले लोकसभा चुनाव के पहले फरवरी और मार्च में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम लोगों के मिजाज को भांपने का भी मौका था। चुनावी मुकाबले में सभी राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। कांग्रेस को ना केवल पंजाब में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा,बल्कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू भी अपनी सीट नहीं बचा पाए। गांधी भाई-बहनों, राहुल और प्रियंका के जोरदार चुनाव प्रचार अभियान के बावजूद पार्टी उत्तर प्रदेश में केवल दो सीटें हासिल कर सकी। अब कांग्रेस की तरह आम आदमी पार्टी भी दो राज्यों में सत्ता में होगी।
कांग्रेस की हार से 2024 के लोकसभा चुनावों के पहले भाजपा के खिलाफ व्यापक गठबंधन तैयार करने की पार्टी की नेतृत्व क्षमता पर भी असर पड़ सकता है। उत्तर प्रदेश में भाजपा के प्रदर्शन ने यह भी संकेत दिया कि पिछले साल कोविड-19 की विनाशकारी दूसरी लहर और तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा किए गए विरोध का राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 117 सीटें जीत चुकी थी या बढ़त बनाए हुए है। केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ इस क्षेत्र में व्यापक प्रदर्शन हुए थे, लेकिन भाजपा ने यहां भी शानदार जीत दर्ज की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य के लोगों ने जाति और धर्म की राजनीति को दरकिनार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा और उसके सहयोगियों की जीत सुनिश्चित की है।
उन्होंने लखनऊ स्थित प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा पिछले दो-तीन दिनों से चलाए जा रहे भ्रामक अभियान को उन लोगों ने दरकिनार कर दिया है, जिन्होंने भाजपा के अच्छे शासन में विश्वास जताया। उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 254 सीटों पर जीत दर्ज की है और एक सीट पर आगे है। भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल के भी खाते में 12 सीटें गई हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2022 में अपराधियों और माफिया के खिलाफ ‘बुलडोजर’ चलाने का नारा देकर बहुमत से सत्ता में लौटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके समर्थकों ने ‘बुलडोजर बाबा’ का नया नाम दिया है। लखनऊ, प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय जिला वाराणसी और योगी के अपने क्षेत्र गोरखपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में जीत से उत्साहित पार्टी कार्यकर्ताओं ने विजय जुलूस निकाला और ‘बुलडोजर बाबा जिंदाबाद’ का नारा लगाते हुए मुख्यमंत्री को नया नाम देते दिखे। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के बारे में अनुमान था कि वह भगवा पार्टी को कड़ी टक्कर देगी, लेकिन वह भाजपा को सत्ता से बाहर नहीं कर पाई। अंतिम रूझान के मुताबिक समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 109 सीटों पर जीत दर्ज की है और दो पर बढ़त बनाए हुए है। मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने 2017 में 19 सीटें जीती थी, लेकिन इस बार केवल एक सीट जीत सकी। सपा के साथ गठबंधन में चुनाव में उतरे राष्ट्रीय लोक दल ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) छह सीटों पर जीत हासिल कर सकी।राजभर फाजिलनगर में 45,000 से ज्यादा मतों से हार गए। भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बीच, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू से हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा ने लगभग सभी राज्यों में अपने मत प्रतिशत में वृद्धि की, जिसमें पंजाब में मामूली वृद्धि भी शामिल है, जहां वह सिर्फ दो सीटें जीतने में सफल रही। आम आदमी पार्टी भी दिल्ली से बाहर पंजाब में अपनी पकड़ मजबूत करने में कामयाब हो गई। आप ने पंजाब में 117 में से 92 सीटों पर शानदारजीत दर्ज की। पंजाब में कांग्रेस के 18, शिरोमणि अकाली दल के तीन, भाजपा के दो उम्मीदवारों को जीत मिली। बसपा को एक सीट मिली और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी सफलता हासिल की। वहां आप की लहर में कई कद्दावर नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। इनमें शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और उनके पिता प्रकाश सिंह बादल, कांग्रेस नेता एवं मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू शामिल हैं। चन्नी दो सीटों से चुनावी मुकाबले में उतरे थे और दोनों जगह वह जीत हासिल करने में नाकाम रहे। केजरीवाल ने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में कहा, ‘‘पहले यह क्रांति दिल्ली में हुई, फिर पंजाब में और अब यह पूरे देश में होगी।’’
पंजाब में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान ने कहा कि राज्य के नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह नवांशहर जिले के खटकरकलां में होगा जो महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह का पैतृक गांव है। पंजाब में 2017 के चुनाव में आप ने 18 सीटों पर जीत हासिल की थी। उत्तराखंड के 21 वर्ष के इतिहास में पहली बार किसी पार्टी को लगातार दूसरा कार्यकाल मिला है। राज्य की 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की है। हालांकि, राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा में हार गए। इससे पहले उन्होंने लगातार दो बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी राज्य में कांग्रेस की नैया पार नहीं लगा सके, ना ही वह लालकुआं सीट पर जीत हासिल कर पाए। कांग्रेस राज्य में 18 सीटें जीत पाई है।
मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 32 सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस केवल पांच सीटें जीत सकी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने छह और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने सात सीटें जीतीं। नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) को पांच सीटें मिली। भाजपा ने मणिपुर में नेशनल पीपुल्स पार्टी और नगा पीपुल्स फ्रंट के साथ गठबंधन सरकार चलाई, लेकिन यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में दोनों पार्टियां सत्ता साझा करेंगी या नहीं। खंडित जनादेश के पूर्वानुमान को खारिज करते हुए गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भाजपा को जीत दिलाने में कामयाब रहे। गोवा में भाजपा ने 20 सीटों पर जीत दर्ज की जो कि बहुमत से एक कम है।
भाजपा ने कहा है कि उसे महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (दो सीट) और तीन निर्दलीय विधायकों से समर्थन के पत्र मिले हैं, जिससे सत्तारूढ़ दल 21 के बहुमत के आंकड़े को पार कर सकता है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ट्वीट किया, ‘‘जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करते हैं। जो लोग जीते हैं उन्हें शुभकामनाएं। सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवियों को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए बधाई। हम इससे सबक लेंगे और भारत के लोगों के हित में काम करते रहेंगे।
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