MP Election: राज्य में बीजेपी के सामने हैं 5 बड़ी चुनौतियां, जानिए अमित शाह कैसे निकाल रहे इनका हल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर एमपी में एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने अपने साथ पूरी टीम को मध्य प्रदेश में लगा दिया है। जिसका असर भी राज्य में दिख रहा है। बता दें कि राज्य में बीजेपी के सामने 5 चुनौतियां हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर एमपी में एक्टिव हो गए हैं। एक महीने में अमित शाह तीन बार राज्य में आ चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश के नेताओं के साथ दिल्ली में भी बैठक का दौर हुआ। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि चुनाव से पहले रणनीति बनाने में माहिर अमित शाह मध्य प्रदेश में एतने ज्यादा एक्टिव क्यों हो गए हैं। उन्होंने अपने साथ पूरी टीम को मध्य प्रदेश में लगा दिया है। जिसका असर भी राज्य में दिख रहा है। बता दें कि राज्म में बीजेपी के सामने 5 बड़ी चुनौतियां हैं, जिनसे निपटने के लिए अमित शाह अपनी पूरी टीम के साथ एक्टिव हो गए हैं।
पुराने और बड़े नेताओं की नाराजगी
मध्यप्रदेश में पुराने और बड़े नेताओं की नाराजगी बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है। पार्टी को इन नेताओं की नाराजगी का खामियाजा निकाय चुनाव और उपचुनाव में भी भुगतना पड़ा था। वहीं पार्टी के बड़े नेता लगातार इस ओर इशारा कर रहे हैं कि हम अगर चुनाव हारे तो अपने लोगों से हारेंगे। ऐसे में गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी टीम के कुछ खास लोगों को नाराज नेताओं को मनाने में लगा दिया है। जहां कुछ नेताओं को मना लिया गया है तो कुछ नेताओं को मनाने का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ नेताओं की नाराजगी के चलते पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था।
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सर्वे रिपोर्ट के संकेत
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर जो सर्वे रिपोर्ट सामने आई है, उसमें बीजेपी और कांग्रेस की कांटे की टक्कर है। सर्वे के अनुसार, कांग्रेस की कुछ क्षेत्रों में अच्छी खासी बढ़त के संकेत मिल रहे हैं। तो वहीं बीजेपी के लिए अच्छी खबर नहीं है। ऐसे में बीजेपी उन इलाकों में ज्यादा फोकस कर रही है, साथ ही नेताओं को अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंप रही है। प्रदेश के नेता भी एक्टिव हो गए हैं।
बन सकती है बगावत की स्थिति
बीजेपी को मध्य प्रदेश में जिताऊ उम्मीदवार की खोज है। ऐसे में पुराने विधायकों के टिकट कटने की संभावना है। ऐसे में यह विधायक बागी भी बन सकते हैं। बीजेपी इस परिस्थित से निपटने के लिए रणनीति तैयार कर रही है। हालांकि टिकट कटने से पहले ही विधायकों को मना लिया जाएगा। बता दें कि ग्वालियर-चंबल इलाके में नए और पुराने नेताओं की वजह से ऐसी स्थिति ज्यादा बन रही है। ऐसे में बगावत की स्थिति बनने पर पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पिछले साल के विधानसभा चुनाव में शिवराज सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा था।
बूथ मैनेजमेंट पर खास जोर
बीजेपी की असली ताकत बूथ के कार्यकर्ता हैं। इंदौर की एक रैली में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बूथ कार्यकर्ताओं की वजह से बीजेपी को चुनाव में जीत मिलती है। ऐसे में पार्टी ने चुनाव से पहले ही बूथ लेवल पर संगठन को मजबूत करने के लिए कमर कस ली है। पार्टी के नेता विधानसभा सम्मलेन के जरिए कार्यकर्ताओं से जाकर मिल रहे हैं। बीजेपी ने संगठन से लोगों को जोड़ने के लिए मेरा बूथ अभियान भी शुरू किया था।
एंटी इनकम्बेंसी
मध्य प्रदेश में 18 सालों से शिवराज सरकार है। ऐसे में बीजेपी को एंटी इनकम्बेंसी का खतरा भी बना हुआ है। भले ही पार्टी राज्य में सत्ता में है, लेकिन बड़े चेहरे के तौर पर सिर्फ सीएम शिवराज सिंह चौहान हैं। वहीं पार्टी भी इस बात से भलीभांति वाकिफ है। हालांकि पार्टी के नेताओं का कहना है कि कमल का फूल ही चेहरा है। वहीं बड़े नेता भी सीएम शिवराज का नाम नहीं ले रहे हैं।
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