भाजपा को इस बार लोकसभा चुनाव में मेनका-वरूण मंजूर नहीं

Maneka Varun
ANI
अजय कुमार । Oct 5 2023 5:51PM

पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी बीते तीन वर्ष से भाजपा से दूरी बनाए हैं। वरुण गांधी न तो विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार करने आए। न ही किसी संगठनात्मक कार्यक्रम में शामिल होते हैं।

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में एक-एक सीट का बारीकी से आकलन कर रही है। कई सांसदों के टिकट कटने की खबर है, वहीं सबसे अधिक चर्चा मेनका गांधी और वरुण गांधी की हो रही है। जिनके बारे में अब लगभग साफ हो गया है कि बीजेपी आलाकमान मॉ-बेटे दोनों का टिकट काटने जा रहा है। संभवता अब गांधी परिवार बीजेपी के लिए अप्रसांगिक हो गया है। वैसे कहा यही जा रहा है कि मेनका गांधी का टिकट उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए काटा जा रहा है, वहीं वरूण गांधी को इस लिए साइड लाइन किया जा रहा है क्योंकि वह लगातार बीजेपी के खिलाफ आग उगल रहे हैं। हाल ही में वरूण गांधी ने रायबरेली के संजय गांधी हास्पिटल को बंद करने के योगी सरकार के फैसले के जिस तरह से मुहिम चलाई उसके बाद वरूण गांधी और बीजेपी के बीच की दूरियां काफी बढ़ गई हैं। इस अस्पताल में सही से इलाज नहीं मिलने के कारण एक महिला की मौत के बाद इसको बंद करने का फैसला लिया गया था।

इसी क्रम में भाजपा ने सुल्तानपुर और पीलीभीत में नए चेहरों की तलाश शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की ओर से सर्वे कराया जा रहा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सर्वे रिपोर्ट में सामने आया है कि सुल्तानपुर के भाजपा कार्यकर्ता स्थानीय सांसद मेनका गांधी से खफा हैं। मेनका गांधी की संसदीय क्षेत्र में मौजूदगी कम रहती है इसको लेकर भी जनता ने नाराजगी जताई है। संगठनात्मक कार्यक्रमों भी मेनका अधिकांश समय अनुपस्थित रहती है। वहीं सर्वे रिपोर्ट पीलीभीत के भाजपा सांसद वरुण गांधी के खिलाफ है। भाजपा का स्थानीय संगठन भी पूरी तरह सांसद के विरोध में हैं। वरुण की बयानबाजी के बाद पार्टी नेतृत्व ने भी इस बार पीलीभीत में प्रत्याशी बदलने का मन बना लिया है। पार्टी वहां से प्रदेश सरकार में कुर्मी समाज के एक राज्यमंत्री को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है।

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पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी बीते तीन वर्ष से भाजपा से दूरी बनाए हैं। वरुण गांधी न तो विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार करने आए। न ही किसी संगठनात्मक कार्यक्रम में शामिल होते हैं। वरुण अक्सर केंद्र सरकार के निर्णयों और प्रदेश की व्यवस्था के खिलाफ मुखर भी होते हैं। भाजपा के उच्चपदस्थ पदाधिकारी ने बताया कि मेनका गांधी और वरुण गांधी केंद्र सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं। उल्लेखनीय है कि मेनका गांधी मोदी सरकार 1.0 में कैबिनेट मंत्री थी, लेकिन इस समय बीजेपी में वह हाशिये पर हैं।

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