Bihar: नीतीश कुमार को क्या हुआ? PM मोदी की अंगुलियों में अचानक क्या देखने लगे, वायरल हो रहा वीडियो
नए परिसर का उद्घाटन करने से पहले, मोदी ने विश्वविद्यालय के करीब स्थित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल 'नालंदा महाविहार' का दौरा किया। शैक्षणिक संस्थान की स्थापना 2010 में नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम के माध्यम से की गई थी और इसने 2014 में काम करना शुरू कर दिया था।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तर्जनी उंगली पर अमिट वोट की स्याही जांचने के लिए उनका हाथ पकड़ते रहे। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। यह घटना तब हुई जब दोनों नेता राजगीर में नए नालंदा विश्वविद्यालय परिसर के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। वीडियो में नीतीश कुमार को अचानक पीएम मोदी का हाथ पकड़कर चौंकाते देखा जा सकता है। इस घटना से नेताओं के पीछे बैठे सुरक्षाकर्मी सतर्क हो गये।
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नए परिसर का उद्घाटन करने से पहले, मोदी ने विश्वविद्यालय के करीब स्थित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल 'नालंदा महाविहार' का दौरा किया। शैक्षणिक संस्थान की स्थापना 2010 में नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम के माध्यम से की गई थी और इसने 2014 में काम करना शुरू कर दिया था। उद्घाटन समारोह में विदेश मंत्री एस जयशंकर, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा और अन्य प्रतिनिधियों सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
लगभग 1600 साल पहले स्थापित प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को दुनिया के पहले आवासीय विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है। नए विश्वविद्यालय परिसर को इसकी समृद्ध शैक्षिक विरासत को सम्मान देते हुए ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय की नकल करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस दौरान मोदी ने कहा कि केन्द्र सरकार आधुनिक, अनुसंधान उन्मुख उच्च शिक्षा प्रणाली की दिशा में काम कर रही है और उनका मिशन है कि भारत की पहचान फिर से दुनिया के सबसे प्रमुख ज्ञान केंद्र के रूप में बने।
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प्रधानमंत्री ने प्राचीन नालंदा विहार के परिसर का भ्रमण करने और उसके अवशेषों का अवलोकन करने के बाद नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, ‘‘नालंदा उस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं, लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं। नालंदा के विध्वंस ने भारत को अंधकार से भर दिया था। अब इसकी पुनर्स्थापना, भारत के स्वर्णिम युग की शुरुआत करने जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब शिक्षा का विकास होता है तो अर्थव्यवस्था और संस्कृति की जड़ें भी मजबूत होती हैं। हम विकसित देशों को देखें तो पाएंगे कि वे अर्थ, सांस्कृतिक लीडर तब बने जब एजुकेशनल लीडर हुए।’’
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