कांग्रेस के बिहार प्रभारी ने दिया बड़ा बयान, महागठबंधन में आना चाहें पासवान तो करेंगे विचार

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कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, 'अगर पासवान जी भाजपा के साथ रहे तो उनका वोट बैंक खिसक जाएगा क्योंकि जब उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है तो केंद्र की राजग सरकार चुप रही। गोहिल ने कहा कि जब पासवान दरवाजा खटखटाएंगे तो अपने सहयोगी दलों के साथ विचार कर फैसला करेंगे।'

नयी दिल्ली। कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने रविवार को कहा कि महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बारे में राजनीतिक फायदे को ध्यान में रखकर फैसला किया जाएगा और अगर लोजपा महागठबंधन में शामिल होना चाहेगी तो कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के साथ इस पर विचार करेगी। उन्होंने पीटीआई- के साथ बातचीत में यह दावा भी किया कि अगर रामविलास पासवान आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ रहेंगे तो उन्हें बड़ा नुकसान होगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षण को मौलिक अधिकार नहीं बताने पर केंद्र सरकार खामोश रही। उल्लेखनीय है कि गोहिल के इस बयान की इस संदर्भ में अहमियत है कि चिराग पासवान के बयानों के चलते इन दिनों राजग में कथित दरार की खबरें हैं। पिछले कुछ हफ्तों में चिराग पासवान ने कई मौकों पर नीतीश कुमार की परोक्ष आलोचना की है तथा हाल ही में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को अक्षुण्ण बताने वाले लोजपा के मुंगेर जिलाध्यक्ष राघवेंद्र भारती को उनके पद से हटा दिया गया। 

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राज्यसभा सदस्य गोहिल ने यह भी कहा कि कांग्रेस महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे पर जल्द फैसला चाहती है। चिराग पासवान के हालिया बयानों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने दावा किया, ‘‘राजग मेंबिखराव होने वाला है क्योंकि भाजपा जरूरत के हिसाब से सहयोगी दलों का इस्तेमाल करती है और फिर धोखा देती है। शिवसेना को देखिए। उसका भाजपा ने पहले इस्तेमाल किया और फिर उसके साथ किए गए वादे तोड़ दिए। नीतीश कुमार और रामविलास के साथ भी भाजपा यही करेगी।’’ कांग्रेस के बिहार प्रभारी ने यह भी कहा, ‘‘अगर पासवान जी भाजपा के साथ रहे तो उनका वोट बैंक खिसक जाएगा क्योंकि जब उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है तो केंद्र की राजग सरकार चुप रही। ऐसे में अगर भाजपा के साथ रहेंगे तो पासवान जी को बहुत बड़ा नुकसान होगा।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या महागठबंधन के दरवाजे पासवान के लिए खुले हुए हैं तो गोहिल ने कहा, ‘‘जब वह दरवाजा खटखटाएंगे तो हम अपने सहयोगी दलों के साथ विचार करेंगे और कोई फैसला करेंगे।’’ 

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महागठबंधन में सीटों के तालमेल से जुड़े सवाल पर उनका कहना था, ‘‘ हमारी सोच है कि इस पर जल्द फैसला होना चाहिए। आखिरी समय में सीटों का बंटवारा होने पर ऊपरी स्तर पर तालमेल हो जाता है, लेकिन कार्यकर्ता के स्तर पर ठीक से समन्वय नहीं हो पाता। इसलिए हम चाहते हैं कि हमारे बीच जल्द से जल्द सीटों का बंटवारा हो जाए।’’ मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बारे में पूछे जाने पर गोहिल ने कहा, ‘‘अभी तो हमारी प्राथमिकता है कि सभी सहयोगी दल वैचारिक प्रतिबद्धता के साथ मिलकर चलें। जहां विचारधारा की बात होती है, वहां व्यक्ति का ज्यादा महत्व नहीं रहता है। जो भी फायदेमंद होगा, उस हिसाब से हम (मुख्यमंत्री के चेहरे पर) उचित समय पर फैसला कर लेंगे।’’ उन्होंने दावा किया कि भाजपा-जदयू सरकार से बिहार की जनता परेशान है और लोग महागठबंधन को विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी इन दिनों बिहार में डिजिटल सदस्यता अभियान और संगठन को मजबूत बनाने में लगी हुई है। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए अक्टूबर-नवंबर में चुनाव प्रस्तावित है। राज्य में 2005 से (बीच में चार साल छोड़कर) भाजपा-जदयू गठबंधन की सरकार है।

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