बिहार के मुख्यमंत्री ने पटना में सच्चिदानंद सिन्हा की जयंती पर उनकी प्रतिमा का उद्घाटन किया

Chief Minister nitish kumar
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कुमार ने प्रतिमा का उद्घाटन किया और फिर एक पट्टिका का अनावरण किया तथा सिन्हा को पुष्पांजलि अर्पित की। गौरतलब है कि सिन्हा भारत की संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष भी थे जब 1946 में इसकी पहली बैठक दिल्ली में हुई थी।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आधुनिक बिहार के निर्माताओं में से एक सच्चिदानंद सिन्हा की जयंती के अवसर यहां शुक्रवार को उनकी आदमकद प्रतिमा का उद्घाटन किया। यह प्रतिमा पटना शहर स्थित प्रसिद्ध सिन्हा लाइब्रेरी के परिसर में स्थित है, जिसकी स्थापना सच्चिदानंद ने लगभग एक सदी पहले की थी।

इस पुराने पुस्तकालय भवन के सामने ‘सच्चिदानंद सिन्हा शताब्दी वाटिका’ नामक एक उद्यान विकसित किया गया है और उसके कोने में प्रतिमा स्थापित की गई है।

एक कानूनविद्, एक पत्रकार और विश्वविद्यालय प्रशासक के रूप में अपने शानदार करियर के दौरान सिन्हा ने कई उपलब्धियां हासिल कीं और वह उस आंदोलन में सबसे आगे थे जिसके कारण अंततः 1912 में बिहार और उड़ीसा (अब ओडिशा) के एक अलग प्रांत जिसकी राजधानी पटना थी, का निर्माण हुआ।

सिन्हा की स्थायी विरासतों में से एक वह पुस्तकालय है जिसकी स्थापना उन्होंने 1924 में की थी, जिसने आम तौर पर विद्वानों, इतिहासकारों, ज्ञान हासिल की इच्छा रखने वाले और पुस्तक प्रेमियों की पीढ़ियों की सेवा की है। सिन्हा का जन्म 10 नवंबर 1871 को पटना के पास आरा में हुआ था।

कुमार ने प्रतिमा का उद्घाटन किया और फिर एक पट्टिका का अनावरण किया तथा सिन्हा को पुष्पांजलि अर्पित की। गौरतलब है कि सिन्हा भारत की संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष भी थे जब 1946 में इसकी पहली बैठक दिल्ली में हुई थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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