भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे पांच दिवसीय दौरे पर भारत आएंगे
विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत और भूटान के बीच सभी स्तरों पर विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ पर आधारित मित्रता और सहयोग के अच्छे संबंध हैं। बयान में कहा गया है कि यात्रा के दौरान भूटान के प्रधानमंत्री टोबगे राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
नयी दिल्ली। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत बृहस्पतिवार को पांच दिवसीय दौरे पर भारत आएंगे। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने घोषणा की कि भूटान के नेता 14 से 18 मार्च तक भारत की यात्रा पर रहेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करेंगे। वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे।
भूटान के प्रधानमंत्री का मुंबई जाने का भी कार्यक्रम है। विदेश मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा भूटान के प्रधानमंत्री की यात्रा दोनों पक्षों को हमारी अनूठी साझेदारी में प्रगति की समीक्षा करने एवं भारत और भूटान के बीच दोस्ती और सहयोग के स्थायी संबंधों का विस्तार करने के तरीकों और साधनों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगी। टोबगे के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आएगा, जिसमें उनके मंत्रिमंडल के कई सहयोगी और शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत और भूटान के बीच सभी स्तरों पर विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ पर आधारित मित्रता और सहयोग के अच्छे संबंध हैं। बयान में कहा गया है कि यात्रा के दौरान भूटान के प्रधानमंत्री टोबगे राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी भूटान के प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। जनवरी में विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने भूटान की तीन दिवसीय यात्रा की थी, जो टोबगे के नेतृत्व में नयी सरकार के गठन के बाद भारत पहली उच्चस्तरीय यात्रा थी।
टोबगे की भारत यात्रा उस पृष्ठभूमि में हो रही है जब चीन और भूटान अपने सीमा विवाद के शीघ्र समाधान पर विचार कर रहे हैं, जिसका प्रभाव भारत के सुरक्षा हितों पर पड़ सकता है। करीब पांच महीने पहले भूटान के तत्कालीन विदेश मंत्री टांडी दोरजी ने बीजिंग में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से बातचीत की थी।
बातचीत के संबंध में चीन के एक बयान में कहा गया था कि भूटान दृढ़ता से एक-चीन सिद्धांत का पालन करता है और सीमा मुद्दे के शीघ्र समाधान के लिए चीन के साथ काम करने और राजनयिक संबंध स्थापित करने की राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। सीमा विवाद को लेकर भूटान और चीन की बातचीत पर भारत की करीबी नजर है।
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