भोपाल जिला प्रशासन कोरोना से हुई मौतों का करवा रहा ऑडिट, तीन सदस्यीय दल ने शुरू किया काम
यह भी पड़ताल की जाएगी कि परिजन ने मरीज को अस्पताल लाने में देरी तो नहीं की थी। कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने इसके लिए तीन विशेषज्ञों की टीम बनाई है। इसमें गांधी मेडिकल कॉलेज के पीएसएम विभाग के एचओडी डॉ. डी.के.पाल, मेडिसिन विभाग के फैकल्टी डॉ. के. देवपुजारी और डब्ल्यूएचओ के कंसलटेंट डॉ. एसएम जोशी शामिल हैं।
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जिला प्रशासन जिले में कोरोना से होने वाली मौतों का ऑडिट करवाने जा रहा है। भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने बताया कि कोरोना से होने वाली मौतों का ऑडिट कराया जाएगा। गैस पीड़ित संगठनों ने भी कुछ शिकायतें की थीं। ऑडिट से कमियां पता चलेंगी, जिन्हें दुरुस्त किया जा सकेगा। इसमें यह देखा जाएगा कि इलाज के दौरान अस्पताल में किसी तरह की लापरवाही तो नहीं हुई। यह भी पड़ताल की जाएगी कि परिजन ने मरीज को अस्पताल लाने में देरी तो नहीं की थी। कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने इसके लिए तीन विशेषज्ञों की टीम बनाई है। इसमें गांधी मेडिकल कॉलेज के पीएसएम विभाग के एचओडी डॉ. डी.के.पाल, मेडिसिन विभाग के फैकल्टी डॉ. के. देवपुजारी और डब्ल्यूएचओ के कंसलटेंट डॉ. एसएम जोशी शामिल हैं। तीन सदस्यी दल ने शुक्रवार से काम करना शुरू कर दिया है।
टीम के सदस्य डॉ. डी.के.पाल ने बताया कि कम्युनिटी और फैसिलिटी दोनों स्तर पर ऑडिट किया जाएगा। कम्युनिटी स्तर पर या देखा जाएगा कि मरीज के अस्पताल पहुंचने में किसी तरह की देरी तो नहीं हुई। उसके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की वजह क्या रही। मसलन ट्रैवल हिस्ट्री, घर में किसी का पॉजिटिव होना आदि। उसे कौन-कौन सी बीमारियां पहले से थीं। इसी तरह से फैसिलिटी आधारित ऑडिट में यह पता किया जाएगा कि अस्पताल पहुंचने पर उसे सभी सुविधाएं व प्रोटोकॉल के मुताबिक इलाज मिला या नहीं। इसके लिए मरीज के परिजन से भी बात की जाएगी। साथ ही उसकी केस शीट भी खंगाली जाएगी। जिसकी रिपोर्ट एक सप्ताह में तैयार कर ली जाएगी।
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भोपाल में चार मृतकों के परिजन ने आरोप लगाया था कि कोरोना का संदेह होने पर निजी अस्पतालों ने भर्ती नहीं किया गया था। ऑडिट में इसकी पड़ताल हो सकेगी। वही समय पर इलाज नहीं मिलने की शिकायतें भी परिजनों ने की थीं। जबकि गैस पीड़ित संगठनों ने भी कोराना से संक्रमित गैस पीड़ितों का ठीक से इलाज नहीं होने की शिकायत कलेक्टर से की थी। ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद अस्पतालों में इलाज मिलने में किसी तरह की कमी रही इस पर संबंधित से जवाब तलब किया जाएगा साथ ही कमियां सामने आने पर उन्हें दुरुस्त किया जा सकेगा। दूसरे विभागों से किस तरह समन्वय की जरूरत है यह इस ऑडिट रिपोर्ट के जरिए पता चल सकेगा।
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वही राज्य कोरोना वायरस की चपेट में है यहाँ शुक्रवार शाम तक 2715 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए है। वही भोपाल में इस दौरान 526 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है। जबकि भोपाल में कोरोना संक्रमण से अभी तक 15 मौतें हो चुकी है जबकि राज्य में यह आंकड़ा 145 तक पहुँच गया है। भोपाल में अबतक 183 लोग पूरी तरह स्वस्थ होकर अस्पतालों से अपने घर जा चुके है। जबकि प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण से हुई 15 मौतों को लेकर जिला प्रशासन द्वारा बनाया गया ऑडिट दल ने काम करना शुरू कर दिया है। जो ऑडिट में मौत की मूल वजह का पता लगाने की कोशिश करेगा।
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