Bharat Jodo Yatra : राहुल ने कोटा शहर से 92वें दिन की पदयात्रा शुरू की, बड़ी संख्या में एकत्रित छात्रों से की बात
राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के 92वें दिन के तहत बृहस्पतिवार को राजस्थान के कोटा शहर से पदयात्रा शुरू की। इस दौरान उन्होंने ‘कोचिंग हब’ कोटा में उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में एकत्रित छात्रों से कुछ देर संवाद भी किया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के 92वें दिन के तहत बृहस्पतिवार को राजस्थान के कोटा शहर से पदयात्रा शुरू की। इस दौरान उन्होंने ‘कोचिंग हब’ कोटा में उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में एकत्रित छात्रों से कुछ देर संवाद भी किया। राहुल ने छात्रों को ‘भारत का भविष्य’ करार दिया। उन्होंने यात्रा में एकत्रित लोगों से ‘भारत जोड़ो’ का नारा लगाने का आह्वान भी किया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने बृहस्पतिवार सुबह छह बजे कोटा के सूर्यमुखी हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ पदयात्रा की शुरुआत की। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलते नजर आए। सूर्यमुखी हनुमान मंदिर से लगभग ढाई किलोमीटर की दूर तय कर राहुल राजीव गांधी नगर पहुंचे, जहां कोचिंग संस्थानों के छात्र-छात्राओं ने उनका स्वागत किया। छात्रों के साथ यात्रा में पहुंचे एक कोचिंग संस्थान के निदेशक ने बताया कि राहुल सड़क किनारे अपने लिए बनाए गए एक मंच पर गए और छात्रों से कुछ देर संवाद किया।
जगपुरा से हवाईअड्डे के बीच की 12.5 किलोमीटर लंबी सड़क के दोनों ओर छात्रों के अलावा बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और स्थानीय लोग राहुल के स्वागत के लिए एकत्रित हुए थे। राहुल का पहले राजीव गांधी नगर में अपने पिता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने का कार्यक्रम था। राजस्थान कांग्रेस शासित पहला प्रदेश है, जहां ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पहुंची है। 21 दिसंबर को हरियाणा में दाखिल होने से पहले यह पदयात्रा 17 दिनों में झालावाड़, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, दौसा और अलवर जिलों से गुजरते हुए लगभग 500 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
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सात दिसंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ राजस्थान से पहले सात राज्यों से होकर गुजर चुकी है, जिनमें तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश शामिल हैं। यह यात्रा 150 दिनों में लगभग 3,570 किलोमीटर की दूरी तय कर फरवरी 2023 में जम्मू-कश्मीर में समाप्त होगी।
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