बंगाल चुनाव: मौलाना अब्बास सिद्दीकी ने बनाया नया राजनीतिक संगठन, वाम-कांग्रेस के साथ गठजोड़ की उम्मीद
फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने कहा, ‘‘हमने इस पार्टी का गठन यह सुनिश्चित करने के लिए किया है कि संवैधानिक लोकतंत्र की रक्षा हो, सभी को सामाजिक न्याय मिले और हम सभी सम्मान के साथ रहें।’’
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बृहस्पतिवार को एक नया राजनीतिक संगठन ‘इंडियन सेकुलर फ्रंट’ (आईएसएफ) बनाने की घोषणा की। पीरजादा सिद्दीकी ने कहा कि नव गठित संगठन राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी 294 सीटों पर चुनाव लड़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वाम-कांग्रेस गठबंधन के साथ उनके संगठन के गठजोड़ की संभावना है। कोलकाता प्रेस क्लब में अपने राजनीतिक संगठन की शुरूआत के मौके पर सूफी मजार के प्रमुख सिद्दीकी ने कहा, ‘‘हमने इस पार्टी का गठन यह सुनिश्चित करने के लिए किया है कि संवैधानिक लोकतंत्र की रक्षा हो, सभी को सामाजिक न्याय मिले और हम सभी सम्मान के साथ रहें।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में, हम जनता तक पहुंचने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करेंगे।’’ जब उनसे पूछा गया कि नया राजनीतिक संगठन बनाने और चुनाव लड़ने से क्या अल्पसंख्यक वोटों का बंटवारा होगा तथा तृणमूल कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है, सिद्दीकी ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी की चुनाव संभावनाओं के बारे में चिंता करना उनका काम नहीं है। तृणमूल कांग्रेस के साथ एक गठबंधन की संभावना के बारे में किये गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को रोकने के लिएमुख्यमंत्री के रूप में सभी को साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी ममता बनर्जी की है।’’ सिद्दीकी के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत राय ने दावा किया, ‘‘अल्पसंख्यक भली भांति जानते हैं कि ममता बनर्जी ने उनके लिए क्या किया है। वे तृणमूल कांग्रेस का समर्थन करेंगे।’’ पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है।
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