Women Day 2023 से पहले भारतीय एयरफोर्स ने रचा इतिहास, पहली बार कैप्टन शैलजा धामी को सौंपी कॉम्बैट यूनिट की कमान

shailza dhami
Twitter @SpokespersonMoD

महिला दिवस 2023 का आयोजन होली के दिन आठ मार्च को किया जाएगा। इसके आयोजन से पहले ही भारतीय एयरफोर्स ने नया इतिहास रच दिया है। भारतीय एयरफोर्स ने ग्रुप कैप्टन शैलजा धामी को कॉम्बैट यूनिट की कमांड सौंपी है।

भारतीय एयरफोर्स में सात मार्च का दिन ऐतिहासिक रहा है। भारतीय वायुसेना ने ग्रुप कैप्टन शैलजा धामी को नई जिम्मेदारी है। पश्चिमी सेक्टर में फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की कमांड अब भारतीय वायुसेना की ग्रुप कैप्टन शैलजा धामी संभालेंगी। भारतीय वायुसेना में ये पहला मौका है जब कोई महिला कॉम्बैट यूनिट की जिम्मेदारी संभालेगी।

जानकारी के मुताबिक शैलजा वर्ष 2003 में भारतीय वायुसेना के साथ जुड़ी थी। वर्तमान में वो फ्रंटलाइन कमांड हेडक्वार्टर के ऑपरेशन में तैनात है। महिला दिवस की पूर्व संध्या पर एयरफोर्स के अधिकारियों ने बताया कि धामी के शानदार और बेहद काबिल फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर है। अपने करियर में धामी के पास 2800 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है। सिर्फ यही नहीं धामी पहली महिला हैं जिनके पास फ्लाइंग ब्रांच की स्थायी कमिशन है। वहीं अब नई जिम्मेदारी मिलने के साथ ही वो लीड करने के लिए भी तैयार है।

वो पहली महिला हैं जिन्हें वर्ष 2019 के सितंबर महीने में वायु सेना की फ्लाइंग यूनिट की पहली महिला फ्लाइट कमांडर बनने की उपलब्धि हासिल हुई थी। धामी को एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ की तरफ से दो बार कमांड किया जा चुका है।

जानकारी  के मुताबिक शैलजा धामी पंजाब में लुधियाना से ताल्लुक रखती है। शहीद करतार सिंह सराभा गांव में उनकी परवरिश हुई है। उनमें गांव में रहने के दौरान ही देश के लिए कुछ करने का जज्बा जागा। बता दें कि उनके गांव का नाम आजादी के लिए योगदान देने वाले शहीद के नाम पर रखा गया है। शैलजा धामी के माता जल आपूर्ति विभाग में कार्यरत थी जबकि उनके पिता बिजली बोर्ड के एसडीओ रहे थे। उनकी स्कूली स्थानीय सरकारी स्कूल में हुई जिसके बाद मंडी स्थित खालसा कॉलेज से उन्होंने बीएससी की।

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