बांधवगढ़ के वन क्षेत्र लगी आग, मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
गर्मी के दिनों में इस तरह की घटनाएं आम तौर पर जंगल के अंदर हो जाती हैं, लेकिन इस बार आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है। बताया गया है कि पिछले 3 दिनों में अलग-अलग जगह आग लगने की जानकारी सामने आई है। आग लगने की जानकारी सामने आने के बाद फायर लाइन काटने का काम तेज कर दिया गया और वन हमले को अलर्ट कर दिया गया।
बांधवगढ़। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगल में कई जगह आग लगने से अफरा तफरी का महौल है। जहाँ एक तरफ वन्य प्राणियों की सुरक्षा तो वही दूसरी ओर दुर्लभ पेड़ों को बचाए जाने को लेकर वन अमला आग बुझाने में लगा हुआ है। जानकारी के अनुसार बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितोली, मगधी और ताला जोन में आग लगी हुई है। राष्ट्रीय उद्यान के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग समय में आग लगने की जानकारी मिल रही है।
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आग लगने की पुष्टि प्रबंधन ने भी की है। साथ यह भी बताया है कि आग पर नियंत्रण की पूरी कोशिश की जा रही है। गर्मी के दिनों में इस तरह की घटनाएं आम तौर पर जंगल के अंदर हो जाती हैं, लेकिन इस बार आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है। बताया गया है कि पिछले 3 दिनों में अलग-अलग जगह आग लगने की जानकारी सामने आई है। आग लगने की जानकारी सामने आने के बाद फायर लाइन काटने का काम तेज कर दिया गया और वन हमले को अलर्ट कर दिया गया।
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वही ऐसा बताया जा रहा है कि जंगल में आग लगने की घटनाएं लगभग हर साल होती हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अलावा रेगुलर फॉरेस्ट में भी जंगल के अंदर ग्रामीण महुआ बीनने के लिए आग लगा देते हैं। जिससे वन अमले को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। हालांकि गर्मी की शुरुआत में ही वन अमले को सतर्क कर दिया जाता है कि गांव के लोग लोगों पर नजर रखें ताकि वे आग न लगाने पाएं। 2 साल पहले भी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बुरी तरह से आग लग गई थी और काफी पेड़ जलकर नष्ट हो गए थे। इसके अलावा घुनघुटी के जंगल में भी आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था।
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बांधवगढ़ में लगी आग को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को वन विभाग के अधिकारियों से घटना की जानकारी प्राप्त की। प्रमुख सचिव, वन ने जानकारी दी कि अग्नि की घटनाओं पर नियंत्रण कर लिया गया है। किसी भी तरह की हानि नहीं हुई है। किसी वन्य-प्राणी की मृत्यु भी नहीं हुई है। क्षेत्र में वन विभाग के दल तैनात हैं। आग लगने के कारणों का पता कर नियंत्रण के लिए एक कार्य-योजना भी तैयार की गई है। मुख्यमंत्री चौहान ने कार्य योजना के क्रियान्वयन के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी उपस्थित रहे।
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बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है। यह वर्ष 1968 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। इसका क्षेत्रफल 437 वर्ग किमी है। यह भारत का सबसे सघन टाइगर रिजर्व है जहाँ सबसे कम क्षेत्रफल में बाघों की संख्या सबसे अधिक है, यहां बाघ आसानी से देखे जा सकते है। 1993 में इसे टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। यह मध्य प्रदेश का एक ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जो 32 पहाड़ियों से घिरा है। यह भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं। बांधवगढ़ 448 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। इस उद्यान में एक मुख्य पहाड़ है जो 'बांधवगढ़' कहलाता है। 811 मीटर ऊँचे इस पहाड़ के पास छोटी-छोटी पहाड़ियाँ हैं। पार्क में साल और बंबू के वृक्ष प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाते हैं।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने आज वनमंत्री श्री कुँवर विजय शाह, उच्च अधिकारियों और वन विभाग के अधिकारियों से मंत्रालय में बांधवगढ़ वन क्षेत्र में लगी आग की घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की और आवश्यक निर्देश दिए। pic.twitter.com/SfyI0wAzH7
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) March 31, 2021
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