एकनाथ शिंदे की पार्टी बालासाहेबंची शिवसेना को मिला तलवार-ढाल चुनाव चिह्न, उद्धव की 'मशाल' से होगा सामना

Eknath Shinde
ANI
अंकित सिंह । Oct 11 2022 5:41PM

उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट में विवाद के बीच चुनाव आयोग ने शिवसेना के पुराने चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया था। आपको बता दें कि तीन नवंबर को अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव दोनों गुटों से लिए नाक का सवाल है।

शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट को भी अब नया चुनाव चिन्ह मिल गया है। एकनाथ शिंदे की पार्टी बालासाहेबंची शिवसेना को तलवार ढाल चुनाव चिन्ह के रूप में मिला है। इससे पहले सोमवार को शिंदे गुट को बालासाहेबंची शिवसेना के रूप में पार्टी का नाम तो मिल गया था। लेकिन चुनाव चिन्ह पर बात नहीं बन पाई थी। आज चुनाव आयोग को एकनाथ शिंदे गुट की ओर से तीन सुझाव दिए गए थे। हालांकि, बाद में चुनाव चिन्ह तलवार ढाल पर मामला बना। इससे पहले उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट में विवाद के बीच चुनाव आयोग ने शिवसेना के पुराने चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया था। आपको बता दें कि तीन नवंबर को अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव दोनों गुटों से लिए नाक का सवाल है। 

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चुनाव आयोग की ओर से उद्धव ठाकरे गुट को उद्धव बालासाहेब ठाकरे नाम आवंटित किया गया था। उद्धव ठाकरे गुट को मशाल चुनाव चिह्न मिला है। शिंदे समूह के मुख्य सचेतक भरत गोगावाले ने कहा कि वे हमेशा से ही पार्टी में बालासाहेब का नाम चाहते थे और इसे पाकर खुश हैं। उन्होंने कहा, हमारे गुट को अब शिंदे खेमा नहीं बल्कि बालासाहेबंची शिवसेना कहा जाएगा। शिंदे गुट की ओर से  ‘त्रिशूल’, ‘उगते सूरज’  और ‘गदा’ को चुनाव चिह्न के रूप में आवंटित करने का आग्रह किया गया था। लेकिन चुनाव आयोग ने इसे खारिज कर दिया। आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए इसे आवंटित करने के सुझाव को खारिज कर दिया था। 

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इसके बाद शिंदे गुट की ओर से पीपल का वृक्ष, तलवार और सूरज भेजा गया था। हालांकि, बात तलवार-ढाल पर बनी है। शिंदे ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत करते हुए दावा किया था कि उनके पास शिवसेना के 55 में 40 विधायकों और 18 लोकसभा सदस्यों में से 12 का समर्थन प्राप्त है। उद्धव के इस्तीफे के बाद शिंदे ने भाजपा की मदद से सरकार बनाने हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

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