शिंदे गुट ने EC को सौंपा तीन चुनाव चिह्न, दीपक केसरकर बोले- कांग्रेस के साथ वाले उद्धव गुट को बालासाहेब के नाम का उपयोग करने का अधिकार नहीं

Shinde
ANI
अभिनय आकाश । Oct 11 2022 2:47PM

शिंदे गुट की तरफ से इससे पहले 'त्रिशूल', 'उगते सूरज' और 'गदा' के रूप में अपने विकल्प चुनाव आयोग को सौंपे थे। लेकिन मुक्त प्रतीकों की सूची में नहीं होने की बात कहते हुए आयोग ने प्रतीकों के रूप में आवंटित करने से इनकार कर दिया था।

शिवसेना के एकनाथ शिंदे धड़े ने अगले महीने होने वाले अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग (ईसी) को 'चमकते सूरज', 'ढाल और तलवार' और 'पीपल ट्री' अपने चुनाव चिन्ह विकल्प के रूप में सौंपे। अगले महीने होने वाले उपचुनाव से पहले चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को 'बालासाहेबची शिवसेना' और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े को 'शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)' नाम दिया। शिंदे गुट की तरफ से इससे पहले 'त्रिशूल', 'उगते सूरज' और 'गदा' के रूप में अपने विकल्प चुनाव आयोग को सौंपे थे। लेकिन मुक्त प्रतीकों की सूची में नहीं होने की बात कहते हुए आयोग ने प्रतीकों के रूप में आवंटित करने से इनकार कर दिया था। 

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जिसके बाद शिवसेना के शिंदे गुट को 11 अक्टूबर तक तीन नए प्रतीकों की एक सूची प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। इसके साथ ही चुनाव आयोग की तरफ से मौजूदा उपचुनाव में और अंतिम आदेश पारित होने तक ठाकरे गुट के उम्मीदवारों के प्रतीक के रूप में 'ज्वलंत मशाल' का सिंबल अलॉट कर दिया। चुनाव आयोग ने पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को आगामी 3 नवंबर को होने वाले अंधेरी पूर्व उपचुनाव में "शिवसेना के लिए आरक्षित धनुष और तीर" प्रतीक का उपयोग करने से रोक दिया था।

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इस बीच, महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट के कांग्रेस के साथ संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस को बालासाहेब के नाम का उपयोग करने का अधिकार नहीं है। केसरकर ने प्रतिद्वंद्वी गुट पर "लोगों को गुमराह करने" का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'वह (उद्धव ठाकरे) कह रहे हैं कि 40 विधायकों की वजह से चुनाव चिह्न जब्त किया गया है। लेकिन सच्चाई यह है कि वह इन 40 विधायकों की वजह से सीएम थे।

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