अति-आत्मविश्वास ले डूबा, भाजपा के हाथ से चला गया छत्तीसगढ़
विधानसभा चुनावों के लिए जारी मतगणना के शुरुआती रुझानों में राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 58 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं जबकि भाजपा 28 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा का 15 साल का शासन खत्म होता नजर आ रहा है। विधानसभा चुनावों के लिए जारी मतगणना के शुरुआती रुझानों में राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 58 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं जबकि भाजपा 26 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। खुद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह अपनी सीट राजनांदगांव में पीछे चल रहे हैं। किसी भी एक्जिट पोल ने राज्य में भाजपा की इस तरह की करारी हार का अनुमान नहीं व्यक्त किया था। यहां भाजपा की हार का प्रमुख कारण अति-आत्मविश्वास नजर आ रहा है क्योंकि भाजपा शुरू से ही मान कर चल रही थी कि छत्तीसगढ़ में पार्टी को कोई खतरा नहीं है।
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यहां कांग्रेस ने किसी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया था। राज्य पार्टी अध्यक्ष भूपेश बघेल ऐन चुनावों से पहले सीडी कांड में फंस गये और जेल तक जाना पड़ा। यहां कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में किसानों के कर्ज की माफी का वादा किया था और लगता है कि किसानों के बीच यह वादा काम कर गया। यहां यह देखना होगा कि पार्टी किसे मुख्यमंत्री बनाती है क्योंकि 15 साल बाद इस राज्य की सत्ता कांग्रेस के हाथ लगी है।
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