NRC सूची में शामिल न हो पाए जरूरतमंदों को मुफ्त कानूनी सहायता देगी असम सरकार
बयान में कहा गया है कि संबंधित विदेशी न्यायाधिकरणों में जो अपील दायर की गई हैं, उनकी सुनवाई के लिए जल्द ही 200 विदेशी न्यायाधिकरण स्थापित किए जाएंगे।
गुवाहाटी। असम में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की 31 अगस्त को प्रकाशित होने जा रही अंतिम सूची में जो जरूरतमंद लोग शामिल नहीं हो पाएंगे, उन्हें सरकार मुफ्त में कानूनी सहायता मुहैया कराने के लिए जरूरी प्रबंध करेगी। असम के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह एवं राजनीतिक विभाग) कुमार संजय कृष्णा ने एक बयान में मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी सूची में जो लोग शामिल नहीं हो पाएंगे उन्हें तब तक किसी भी हालत में हिरासत में नहीं लिया जाएगा जब तक विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) उन्हें विदेशी नागरिक घोषित न कर दे।
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उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार एनआरसी सूची में शामिल होने से वंचित होने वालेलोगों को कानूनी सहायता मुहैया कराने के लिए जरूरी व्यवस्था करेगी। इन लोगों को जिला कानून सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के जरिए सभी जरूरी सहायता मुहैया कराई जाएगी।’’ विदेशी अधिनियम, 1946 और विदेशी (न्यायाधिकरण) आदेश, 1964 के प्रावधानों के मुताबिक, सिर्फ विदेश न्यायाधिकरण के पास ही किसी व्यक्ति को विदेशी घोषित करने का अधिकार है।
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बयान में कहा गया है कि संबंधित विदेशी न्यायाधिकरणों में जो अपील दायर की गई हैं, उनकी सुनवाई के लिए जल्द ही 200 विदेशी न्यायाधिकरण स्थापित किए जाएंगे। इसकी अधिसूचना राज्य सरकार जल्द ही जारी करेगी। एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त को जारी होगी। इससे पहले एनआरसी राज्य में 1951 में प्रकाशित हुआ था। जून में प्रकाशित सूची में करीब एक लाख लोगों का नाम शामिल नहीं किया गया था। उच्चतम न्यायालय की निगरानी में चल रही एनआरसी प्रक्रिया का लक्ष्य अवैध आव्रजकों की पहचान करना है।
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