असम चुनाव में गोलीबारी पर विधानसभा उपाध्यक्ष से दो बार हुई पूछताछ, पांच पुलिसकर्मी निलंबित
एक अप्रैल को सोनाई विधानसभा क्षेत्र में 463 मध्य धनेहोरी एलपी स्कूल में मतदान केंद्र के अंदर भाजपा एवं एआईयूडीएफ के समर्थकों के बीच झड़प हो गयी थी और लश्कर के अंगरक्षकों द्वारा गोली चलाने से कम से कम तीन लोग घायल हो गये थे।
सिलचर। असम में दूसरे चरण के विधानसभा चुनाव के दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष अमीनुल हक लश्कर के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लोगों पर गोलियां चलाये जाने के बाद लश्कर से दो बार पूछताछ की गयी है जबकि पांच पुलिसकर्मी निलंबित कर दिये गये हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एक अप्रैल को सोनाई विधानसभा क्षेत्र में 463 मध्य धनेहोरी एलपी स्कूल में मतदान केंद्र के अंदर भाजपा एवं एआईयूडीएफ के समर्थकों के बीच झड़प हो गयी थी और लश्कर के अंगरक्षकों द्वारा गोली चलाने से कम से कम तीन लोग घायल हो गये थे।
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पुलिस सूत्रों ने बताया कि पिछले 48 घंटे के दौरान लश्कर से दो बार कई घंटों तक पूछताछ की गयी और मजिस्ट्रेट के सामने उनका बयान दर्ज कराया गया। निवर्तमान विधायक लश्कर का सोनाई सीट पर एआईयूडीएफ के करीम उद्दीन बारभूइयां से सीधा मुकाबला है। इस संबंध में जब संपर्क किया गया तब कच्छार के पुलिस अधीक्षक भंवर लाल मीणा ने पीटीआई-से कहा कि विधानसभा उपाध्यक्ष से जुड़े सभी नौ पुलिसकर्मी वर्तमान जांच के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से ड्यूटी से हटा दिये गये हैं।
मीणा ने कहा, ‘‘उनमें से पांच पुलिसकर्मी गोलीबारी के सिलसिले में निलंबित कर दिये गये हैं। उनमें से तीन लश्कर के अंगरक्षक हैं और दो उनके काफिला वाहन के सुरक्षाकर्मी हैं।’’ उन्होंने कहा कि इन कर्मियों को मतदान केंद्रों में बिना अनुमति के दाखिल होने और बिना किसी आदेश के लेागों पर गोलियां चलाने के आरोप में निलंबित किये गये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लश्कर प्रत्याशी के तौर पर मतदान केंद्र के अंदर जा सकते हैं लेकिन वह सुरक्षाकर्मियों के साथ नहीं जा सकते।’’ इस बीच कच्छार के जिला उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने इस पूरे घटना की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है।
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धनेहोरी गांव की पंचायत प्रमुख लुत्फा बेगम ने कहा, ‘‘लोगों ने आरोप लगाया कि उन्होंने (लश्कर ने) मतदान में गड़बड़ी करने का प्रयास किया। जब कई लोग वहां पहुंच गये और उन्होंने लश्कर को एक कमरे में बंधक बना लिया तब स्थिति तनावपूर्ण हो गयी। लश्कर के समर्थकों एवं विरोधियों के बीच झड़प शुरू हो गयी। जब भीड़ बढ़ गयी और उसने लश्कर के साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश की तब उनके अंगरक्षकों ने गोलियां चलायीं। इससे कम से कम तीन लोग घायल हो गये जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
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