अरुणाचल: 256 कर्मियों की बर्खास्तगी, वुशु खिलाड़ियों को वीजा से चीन का इनकार सुर्खियों में रहा

Anurag Thakur
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आशंका जताई जा रही थी कि अपहरण का मकसद जबरन वसूली था, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी कि उन्हें रिहा करने के एवज में कोई फिरौती दी गई थी या नहीं। राज्य में तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों में सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (अफ्सपा) का छह महीने के लिए विस्तार भी इस वर्ष हुआ। इसके अलावा नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम थाना क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को अफ्सपा, 1958 की धारा तीन के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ के रूप में नामित किया गया। भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने नवंबर में ‘द हंप द्वितीय विश्वयुद्ध संग्रहालय’ का उद्घाटन किया, जो एशिया का दूसरा संग्रहालय है और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मित्र देशों की सेनाओं के शहीद वायुसैनिकों को समर्पित है।

जाली दस्तावेज देने के आरोप में 256 सरकारी कर्मचारियों की सेवा समाप्ति, एशियाई खेलों को लेकर अरुणाचल प्रदेश के वुशु खिलाड़ियों को वीजा देने से इनकार करने का चीन का निर्णय और राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षा पेपर लीक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जैसे मुद्दे वर्ष 2023 में राज्य में सुर्खियों में बने रहे। वहीं, उग्रवादियों द्वारा ग्राम अधिकारियों और निर्माण श्रमिकों का अपहरण, एक पूर्व विधायक की हत्या और जूनियर इंजीनियरों की भर्ती में विसंगतियों का मुद्दा भी इस साल पूर्वोत्तर राज्य में चर्चा में रहा। भारत ने एशियाई खेलों में अरुणाचल प्रदेश की तीन महिला खिलाड़ियों को वीजा देने से इनकार करने के चीन के फैसले का कड़ा विरोध किया और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने खेल के आयोजन स्थल हांगझू की अपनी यात्रा रद्द कर दी।

महिला खिलाड़ियों-न्येमान वांगसु, ओनिलु तेगा और मेपुंग लाम्गु को इस साल सितंबर-अक्टूबर में आयोजित खेलों के लिए वीजा नहीं दिया गया। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने राज्य के खिलाड़ियों को वीजा देने से इनकार को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया। खांडू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘बीजिंग ने स्थापित राजनयिक मानदंडों के खिलाफ काम किया है और खेल की भावना के प्रति घोर उपेक्षा दिखाई है। भारत के अभिन्न अंग अरुणाचल प्रदेश के लोग दृढ़ता से हमारे खिलाड़ियों के साथ खड़े हैं और चीन के घृणित फैसले का पुरजोर विरोध करते हैं।’’ पेमा खांडू के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग की औपचारिकताओं को पूरा किए बिना संबंधित अधिकारियों को ‘‘जाली और फर्जी’’ दस्तावेज पेश करने के आरोप में 256 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दीं।

राज्य शिक्षा आयुक्त अमजद टाक ने कथित अनियमितताओं का विश्लेषण करने के लिए गठित एक जांच समिति के बाद इन कर्मचारियों को विभिन्न जिलों में सेवाओं से बर्खास्त करने के अलग-अलग आदेश जारी किए थे। जांच में पाया गया कि उनके नियुक्ति पत्र ‘‘प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से कभी जारी नहीं किए गए थे’’। वर्ष के दौरान राज्य में 66 जूनियर इंजीनियर की नियुक्तियों में भी अनियमितता सामने आई। पूर्वोत्तर राज्य इस महीने की शुरुआत में तब भी खबरों में था जब तिरप जिले के लाजू सर्कल में भारत-म्यांमा सीमा के पास पूर्व विधायक युमसेम माटे की अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर विपक्षी दल कांग्रेस के विरोध के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने हत्या के मामले में जांच का जिम्मा राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने का फैसला किया।

‘पैन अरुणाचल ज्वाइंट स्टीयरिंग कमेटी’ ने अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग का प्रश्नपत्र लीक होने के खिलाफ अपना विरोध तेज कर दिया। फरवरी में कमेटी ने 13 सूत्री अपनी मांगों को लेकर दबाव डालने के लिए 48 घंटे के ‘सार्वजनिक’ बंद का आह्वान किया जिससे राज्य की राजधानी में जनजीवन प्रभावित हुआ। प्रदर्शनकारियों द्वारा अवरोधक तोड़े जाने के बाद सरकार ने ईटानगर राजधानी क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं को तीन दिन के लिए निलंबित कर दिया, जबकि पुलिसकर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए उन पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। सहायक अभियंता (सिविल) परीक्षा 2022 में अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (एपीपीएससी) द्वारा आयोजित की गई थी।

प्रश्नपत्र लीक पर विवाद ने तब एक गंभीर मोड़ ले लिया जब एपीपीएससी के अवर सचिव और सहायक परीक्षा नियंत्रक तुमी गंगकक ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली और घोटाले के व्हिसलब्लोअर ग्यामर पडांग की भी मई में मृत्यु हो गई। राज्य तब भी सुर्खियों में रहा जब चांगलांग जिला प्रशासन ने शिक्षा विभाग में ऐसे कर्मचारियों की उपस्थिति का खुलासा किया जिनका कोई अस्तित्व नहीं था और उनके नाम पर वेतन लिया जा रहा था। इस वर्ष प्रतिबंधित एनएससीएन के विभिन्न गुटों द्वारा फिरौती के लिए व्यक्तियों का अपहरण राज्य प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरा। एनएससीएन-के के आंग माई गुट के उग्रवादियों ने नवंबर में लोंगडिंग जिले से एक ग्राम प्रधान और एक गांव बुडा (ग्राम प्रधान) का अपहरण कर लिया और उनसे 50,000 रुपये से अधिक का ‘‘गृह कर’’ मांगा।

वहीं, एक अन्य मामले में पिछले महीने जिले में तीसा नदी के पास एक शिविर से संगठन के तीन हथियारबंद उग्रवादियों ने एक निर्माण कंपनी के जूनियर इंजीनियर और एक पर्यवेक्षक का अपहरण कर लिया था। हालांकि, दोनों को 28 नवंबर को रिहा कर दिया गया। आशंका जताई जा रही थी कि अपहरण का मकसद जबरन वसूली था, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी कि उन्हें रिहा करने के एवज में कोई फिरौती दी गई थी या नहीं। राज्य में तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों में सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (अफ्सपा) का छह महीने के लिए विस्तार भी इस वर्ष हुआ। इसके अलावा नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम थाना क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को अफ्सपा, 1958 की धारा तीन के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ के रूप में नामित किया गया। भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने नवंबर में ‘द हंप द्वितीय विश्वयुद्ध संग्रहालय’ का उद्घाटन किया, जो एशिया का दूसरा संग्रहालय है और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मित्र देशों की सेनाओं के शहीद वायुसैनिकों को समर्पित है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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