आदित्य ठाकरे को धमकी देने वाला बेंगलुरु से गिरफ्तार, ऐसे मामलों की जांच के लिए SIT बनेगी

Aaditya Thackeray

महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे को कथित तौर पर धमकी देने वाले एक व्यक्ति को मुंबई पुलिस ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया। इसके बाद राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि विधायकों एवं अन्य को धमकी की घटनाओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा।

मुंबई। महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे को कथित तौर पर धमकी देने वाले एक व्यक्ति को मुंबई पुलिस ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया। इसके बाद राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि विधायकों एवं अन्य को धमकी की घटनाओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा और ऐसे मामलों से निपटने के लिए एक नीति तैयार की जाएगी। महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने विधानसभा में कहा कि जिस व्यक्ति ने ठाकरे को धमकी दी थी उसकी पहचान जयसिंह राजपूत के रूप में हुई है। आरोपी को मुंबई अपराध शाखा की साइबर टीम ने कर्नाटक में पकड़ लिया और उसे मुंबई लेकर आई।

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इससे पूर्व एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी जयसिंह राजपूत को मुंबई अपराध शाखा की साइबर टीम ने शनिवार को गिरफ्तार किया और उसे मुंबई लाया गया। अधिकारी ने बताया कि राजपूत ने आठ दिसंबर को मंत्री को कथित तौर पर फोन किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। आरोपी ने इसके बाद मंत्री को धमकी भरा संदेश भेजा। जांच के दौरान, साइबर पुलिस को पता चला कि फोन करने वाले का नंबर बेंगलुरु से था। आदित्य ठाकरे, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे हैं और वह पर्यावरण एवं पर्यटन विभाग का जिम्मा संभालते हैं।

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अधिकारी ने बताया कि एक टीम को बेंगलुरु भेजा गया, जिसने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। बाद में उसे एक अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया। अधिकारी ने बताया कि आरोपी दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का प्रशंसक है। बाद में दिन में राज्य विधानमंडल के निचले सदन में वलसे पाटिल ने कहा, ‘‘(विधानसभा के) सदस्य अलग-अलग शिकायतें करते हैं। चाहे वह विधानसभा का सदस्य हो या कोई आम आदमी, उनकी सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। इस तरह की शिकायतों और धमकियों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा और इससे निपटने के लिए नीति बनाई जाएगी।’’

यह मुद्दा शिवसेना विधायक सुनील प्रभु ने उठाया था, जिन्होंने इस मामले को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य कर्नाटक से जोड़ने की मांग की थी। प्रभु ने कहा कि कार्यकर्ता गोविंद पानसरे, नरेंद्र दाभोलकर, लेखक एम. एम. कलबुर्गी, पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की गई और उनकी हत्याओं का संबंध कर्नाटक से था। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार है और आरोपी राज्य से है। उन्होंने कहा कि ठाकरे को धमकी देने वाले को भी उसी राज्य से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि क्या यह एक ‘‘बड़ी साजिश’’ का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘‘सदन को इसके बारे में जानना जरूरी है।’’ प्रभु का समर्थन करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि एक मंत्री को धमकियां मिल रही हैं और यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है।

मलिक ने सुशांत सिंह राजपूत मामले के बारे में भी बात की और दावा किया कि दिवंगत अभिनेता की प्रेमिका को मादक पदार्थ के मामले में ‘‘गलत तरीके से फंसाया गया’’। मलिक ने कहा कि उन्हें भी ट्विटर के जरिए कई बार धमकियां मिलीं। उन्होंने कहा कि पानसरे, कलबुर्गी और दाभोलकर की हत्याओं के पीछे दक्षिणपंथी हिंदू संगठन ‘सनातन संस्था’ का हाथ है। राकांपा नेता ने मंत्रियों और विधायकों को धमकी जैसी घटनाओं की जांच के लिए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में एक एसआईटी के गठन की भी मांग की।

विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह ठाकरे को धमकी मिलने की घटना की निंदा करते हैं। उन्होंने मलिक पर एक गंभीर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि (कार्यकर्ताओं की) हत्या के दो मामलों में आरोपी महाराष्ट्र के थे, जबकि कर्नाटक में कलबुर्गी और लंकेश मारे गए थे और मामले में दो आरोपियों को महाराष्ट्र में भी गिरफ्तार किया गया था। फडणवीस ने कहा कि अगर सनातन संस्था इनमें से किसी भी मामले में शामिल है तो राज्य सरकार ने पिछले दो साल में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की।

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