सेना ने विमानन रखरखाव एवं मरम्मत के दो केंद्र स्थापित किएः अधिकारी

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एमआरओ कार्यों के संदर्भ में लेफ्टिनेंट जनरल सूरी ने कहा, ‘‘हम एचएएल से संपर्क करते हैं, वे निजी कंपनियों के पास जाते हैं और फिर यह हमारे पास वापस आता है। इसमें असली नुकसान समय का होता है।’’

भारतीय सेना ने देश में विमानन रखरखाव एवं मरम्मत (एमआरओ) के लिए दो केंद्रों की स्थापना की है जहां पर उसकी 50-60 गतिविधियों को अंजाम देने की योजना है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

सेना की सैन्य विमानन इकाई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सूरी ने यहां आयोजित ‘एयरो एमआरओ सम्मेलन’ में कहा कि पिछले 10 वर्षों में एमआरओ गतिविधियों से जुड़े पक्षों की संख्या बढ़ने से हालात बदले हैं।

एमआरओ का ताल्लुक विमानन उपकरणों से संबंधित रखरखाव, मरम्मत एवं बदलाव (एमआरओ) से है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने देश में दो एमआरओ केंद्र स्थापित किए हैं जिनमें से एक उत्तर में और एक पूर्व में स्थित है। हम इन एमआरओ केंद्रों में 50-60 गतिविधियां संचालित करने की योजना बना रहे हैं।’’

एमआरओ कार्यों के संदर्भ में लेफ्टिनेंट जनरल सूरी ने कहा, ‘‘हम एचएएल से संपर्क करते हैं, वे निजी कंपनियों के पास जाते हैं और फिर यह हमारे पास वापस आता है। इसमें असली नुकसान समय का होता है।’’

उन्होंने सेना के पास उपलब्ध हेलिकॉप्टर के बारे में कहा, ‘‘हमारे पास लगभग 400 हेलिकॉप्टर हैं और हम आज देश में हेलिकॉप्टर के सबसे बड़े परिचालक हैं। असैन्य क्षेत्र में हमारे पास 233 हेलिकॉप्टर मौजूद हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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