44 हफ्तों के कड़े प्रशिक्षण के बाद बीएसएफ में शामिल हुए 242 रंगरूट
महानिदेशक ने बीएसएफ को कॅरियर विकल्प के रूप में चुनने के लिए रंगरूटों की सराहना की और साहस और उत्साह के साथ राष्ट्र की सेवा करने का आह्वान किया। मुख्य अतिथि ने विभिन्न इनडोर और आउटडोर अभियानों में असाधारण प्रदर्शन करने वाले रंगरूटों को पदक भी प्रदान किए।
जम्मू-कश्मीर में सीमा सुरक्षा बल की पासिंग आउट परेड में भाग लेने वाले जवानों के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी। 44 हफ्ते के कठिन प्रशिक्षण के बाद बीएसएफ की वर्दी पहन कर जवान फूले नहीं समा रहे थे। देश की सेवा करने के जज्बे से ओतप्रोत इन जवानों को बीएसएफ में शामिल किये जाने के अवसर पर सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक पंकज कुमार सिंह भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि सभी को 44 हफ्ते का प्रशिक्षण दिया गया है और ट्रेनर ने इनको फील्ड क्राफ्टिंग, फायरिंग और परेड का प्रशिक्षण दिया है।
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उन्होंने बीएसएफ को कॅरियर विकल्प के रूप में चुनने के लिए रंगरूटों की सराहना की और साहस और उत्साह के साथ राष्ट्र की सेवा करने का आह्वान किया। मुख्य अतिथि ने विभिन्न इनडोर और आउटडोर अभियानों में असाधारण प्रदर्शन करने वाले रंगरूटों को पदक भी प्रदान किए। हम आपको बता दें कि इस पासिंग आउट परेड के दौरान 242 रंगरूट बीएसएफ में बहादुर सीमा प्रहरी के रूप में शामिल हुए। यह सभी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। प्रभासाक्षी संवाददाता ने इन बहादुर जवानों से बातचीत कर उनकी प्रतिक्रिया जानी तो सभी ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि देश सेवा करने का जो सपना बचपन में देखा था वह अब पूरा हुआ है।
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