Nuh Violence: दोनों पक्षों को हथियार किसने मुहैया कराए? पीएम मोदी से मिले गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत
गोरक्षक मोनू मानेसर और उसकी टीम के लोगों के रैली में मौजूद होने का दावा करने वाले वीडियो वायरल होने के बाद मुसलमानों ने रैली पर हमला कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में वीएचपी-बजरंग दल ने भी गुरुग्राम की एक मस्जिद पर हमला किया।
केंद्रीय राज्य मंत्री और गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने बुधवार को पीएम मोदी से मुलाकात की है। हरियाणा में 31 जुलाई को सांप्रदायिक झड़प के बाद अभूतपूर्व तनाव फैला है। तनाव गुरुग्राम सहित हरियाणा के अन्य क्षेत्रों में फैल गया। नूंह और सोहना से गुरुग्राम तक पहुंची दो दिनों की हिंसा में छह लोगों 2 होम गार्ड और 4 नागरिकों की मौत हो गई है। सोमवार को नूंह में हिंदू रैली से शुरू हुई हिंसा में कुल 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गोरक्षक मोनू मानेसर और उसकी टीम के लोगों के रैली में मौजूद होने का दावा करने वाले वीडियो वायरल होने के बाद मुसलमानों ने रैली पर हमला कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में वीएचपी-बजरंग दल ने भी गुरुग्राम की एक मस्जिद पर हमला किया। स्थिति को बढ़ने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई, हालांकि मंगलवार शाम को ताजा हिंसा की घटनाएं हुईं। हरियाणा सरकार ने कहा कि राज्य में स्थिति नियंत्रण में है, जबकि विहिप-बजरंग दल ने बुधवार को दिल्ली में अपना विरोध प्रदर्शन किया।
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यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने नूंह हिंसा पर पीएम मोदी से बात की, मंत्री ने कहा कि उन्होंने कई मुद्दों पर पीएम से बात की है। हालांकि वह हरियाणा में एम्स के उद्घाटन के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित करने गए थे। धार्मिक रैली में लाठी और तलवारें कौन लेकर आता है, इस पर अपनी पिछली टिप्पणी पर सांसद ने कहा कि अगर दोनों पक्ष हथियार ले जा रहे थे, तो यह जांच का सवाल है कि उन्हें ये हथियार किसने मुहैया कराए। हरियाणा सरकार इसकी जांच करेगी।
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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को हिंसा के पीछे एक साजिश को जिम्मेदार ठहराया, वहीं उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला - जो कि भाजपा की सहयोगी जेजेपी से हैं - ने तनाव के लिए रैली के आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया। दुष्यंत ने कहा कि आयोजकों ने रैली के बारे में, इसमें आने वाले लोगों की संख्या के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी और इससे तनाव पैदा हुआ।
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