पुरातत्व विभाग ने मांगा संभल जामा मस्जिद का नियंत्रण

Sambhal Jama Masjid
ANI
अजय कुमार । Dec 3 2024 6:20PM

एएसआई का प्रतिनिधित्व करते हुए वकील विष्णु शर्मा ने कहा कि एजेंसी ने शुक्रवार को अदालत में अपना प्रतिवाद प्रस्तुत किया. इसमें कहा गया कि सर्वे के दौरान टीम को मस्जिद प्रबंधन समिति और स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जिला संभल की एक स्थानीय कोर्ट द्वारा जिला की जामा मस्जिद का सर्वे कराये जाने का आदेश देने के बाद सर्वे टीम के साथ अभद्रता और भड़की हिंसा के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अदालत में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। इसमें मुगलकालीन मस्जिद का नियंत्रण और प्रबंधन मांगा गया है। अदालत से कहा है कि यह एक संरक्षित विरासत संरचना है। बता दें कि इससे पहले अदालत शाही जामा मस्जिद के सर्वे की अनुमति दे चुकी थी। 

एएसआई का प्रतिनिधित्व करते हुए वकील विष्णु शर्मा ने कहा कि एजेंसी ने शुक्रवार को अदालत में अपना प्रतिवाद प्रस्तुत किया. इसमें कहा गया कि सर्वे के दौरान टीम को मस्जिद प्रबंधन समिति और स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था। एएसआई ने 19 जनवरी 2018 की एक घटना का भी जिक्र किया है. उस समय मस्जिद प्रबंधन समिति के खिलाफ अनुमति के बिना मस्जिद की सीढ़ियों पर स्टील की रेलिंग लगाने के लिए एफआईआर दर्ज की गई थी।

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विष्णु शर्मा ने कहा कि 1920 में एएसआई ने इस स्मारक को संरक्षित अधिसूचित किया था, तब से ही मस्जिद एजेंसी के अधिकार क्षेत्र में है। इस प्रकार, संरचना तक जनता की पहुंच की अनुमति दी जानी चाहिए. लेकिन एएसआई नियमों का पालन भी जरूरी है। एएसआई का तर्क है कि स्मारक का नियंत्रण और प्रबंधन उनके पास ही रहना चाहिए। इसमें कोई भी संरचनात्मक संशोधन भी शामिल है। संस्था ने प्रबंधन समिति के मस्जिद की संरचना में अनधिकृत बदलाव करने पर भी चिंता जाहिर की है।।

एएसआई ने कहा है कि उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में अदालत इस मामले पर विचार-विमर्श करेगी। गौरतलब है कि संभल में 24 नवंबर को हिंसा भड़क गई थी। ये तब हुआ था, जब कोर्ट के आदेश के बाद शाही जामा मस्जिद पर सर्वे किया जा रहा था। इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। 

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