भारत को विश्वस्तर पर संगीत से पहचान दिला चुके हैं AR Rahman, हाल ही में हुए हैं पत्नी से अलग

AR Rahman
प्रतिरूप फोटो
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Anoop Prajapati । Jan 6 2025 11:32AM

सबसे बेहतरीन गीतकारों में अल्लाह रक्खा रहमान या एआर रहमान का सबसे टॉप पर हैं। रहमान को सुरों का बेताज बादशाह कहा जाता है। उन्होंने हिंदी के अलावा भारत की अन्य कई भाषाओं की फिल्मों में भी संगीत दिया है। रहमान गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय हैं।

हिन्दी फिल्म जगत के सबसे बेहतरीन गीतकारों में अल्लाह रक्खा रहमान या एआर रहमान का सबसे टॉप पर हैं। रहमान को सुरों का बेताज बादशाह कहा जाता है। उन्होंने हिंदी के अलावा भारत की अन्य कई भाषाओं की फिल्मों में भी संगीत दिया है। रहमान गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय हैं। एआर रहमान ऐसे पहले भारतीय हैं जिन्हें ब्रिटिश भारतीय फिल्म स्लम डॉग मिलेनियर में उनके संगीत के लिए तीन ऑस्कर नामांकन हासिल हुए हैं। इसके साथ ही फिल्म के गीत 'जय हो' के लिए सर्वश्रेष्ठ साउंडट्रैक कंपाइलेशन और सर्वश्रेष्ठ फिल्मी गीत की श्रेणी में दो ग्रैमी पुरस्कार मिले।

रहमान का प्रारम्भिक जीवन

ऑस्कर अवॉर्ड विजेता रहमान का जन्म 6 जनवरी 1967 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था। जन्म के समय उनका नाम ए एस दिलीप कुमार था जिसे बाद में बदलकर कुछ समस्याएं आने के बाद वे एआर रहमान बन गए। रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिली है| उनके पिता आरके शेखर मलयाली फ़िल्मों में संगीत देते थे। रहमान ने संगीत की शिक्षा मास्टर धनराज से प्राप्त की। मात्र 11 वर्ष की उम्र में अपने बचपन के मित्र शिवमणि के साथ रहमान बैंड रुट्स के लिए की-बोर्ड (सिंथेसाइजर) बजाने का कार्य करते थे। वे इलियाराजा के बैंड के लिए काम करते थे।

रहमान को ही चेन्नई के बैंड "नेमेसिस एवेन्यू" के स्थापना का श्रेय जाता है। वे की-बोर्ड, पियानो, हारमोनियम और गिटार सभी बजाते थे। वे सिंथेसाइजर को कला और टेक्नोलॉजी का अद्भुत संगम मानते हैं। रहमान जब नौ साल के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी और पैसों के लिए घरवालों को वाद्य यंत्रों को भी बेचना पड़ा। हालात इतने बिगड़ गए कि उनके परिवार को इस्लाम अपनाना पड़ा। बैंड ग्रुप में काम करते हुए ही उन्हें लंदन के ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ म्यूजिक से स्कॉलरशिप भी मिली, जहाँ से उन्होंने पश्चिमी शास्त्रीय संगीत में डिग्री हासिल की।

व्यक्तिगत जीवन

ए आर रहमान की पत्नी का नाम सायरा बानो था। पिछले साल ही नवंबर में उनके बीच तलाक हो गया है। दोनों के तीन बच्चे हैं- खदीजा, रहीम और अमन। वे दक्षिण भारतीय अभिनेता राशिन रहमान के रिश्तेदार भी है। रहमान संगीतकार जी वी प्रकाश कुमार के चाचा हैं।

संगीत का सफर 

रहमान ने अपना खुद का म्यूजिक रिकॉर्ड करना 1991 में शुरु किया था। अगले साल ही उन्हें फिल्म डायरेक्टर मणिरत्नम ने अपनी फिल्म रोजा में संगीत देने का न्यौता दिया। फिल्म म्यूजिकल हिट रही और पहली फिल्म में ही रहमान ने फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीता। इस पुरस्कार के साथ शुरू हुआ रहमान की जीत का सिलसिला आज तक जारी है। रहमान के गानों की 200 करोड़ से भी अधिक रिकॉर्डिग बिक चुकी हैं। आज वे विश्व के टॉप टेन म्यूजिक कंपोजर्स में गिने जाते हैं। उन्होंने तहजीब, बॉम्बे, दिल से, लगान, मंगल पांडे, स्वदेश, रंग दे बसंती, जोधा-अकबर, जाने तू या जाने ना, युवराज, स्लम डॉग मिलेनियर, गजनी जैसी फिल्मों में संगीत दिया है।

उन्होंने देश की आजादी की 50 वीं वर्षगाँठ पर 1997 में "वंदे मातरम्‌" एलबम बनाया, जो जबर्दस्त सफल रहा। भारत बाला के निर्देशन में बनी एलबम "जन गण मन", जिसमें भारतीय शास्त्रीय संगीत से जुड़ी कई नामी हस्तियों ने सहयोग दिया उनका एक और महत्वपूर्ण काम था। उन्होंने स्वयं कई विज्ञापनों के जिंगल लिखे और उनका संगीत तैयार किया। उन्होंने जाने-माने कोरियोग्राफर प्रभुदेवा और शोभना के साथ मिलकर तमिल सिनेमा के डांसरों का ट्रुप बनाया, जिसने माइकल जैक्सन के साथ मिलकर स्टेज कार्यक्रम दिए।

विरासत में मिला संगीत

रहमान के पिता आरके शेखर मलयालम फिल्मों के फेमस म्यूजिक अरेंजर थे। अपने पिता के साथ वो वे म्यूजिक स्टूडियो में घंटों बिताते थे। इस दौरान उन्होंने कई म्यूजिक इक्विपमेंट भी बजाना सीखा। इनके जीवन में तूफान तब आया जब अचानक एक दिन पिता का साया सर से उठ गया। कच्ची उम्र का ये सदमा उन्हें और परिवार को बुरी तरह से तोड़ गया। घर का आर्थिक हालत बिगड़नी शुरू हो गई।

बहन के कारण बदला धर्म

संगीतकार एआर रहमान की ऑफिशियल बायोग्राफी 'नोट्स ऑफ ए ड्रीम' से पता चला कि जीवन के उस बुरे दौर में उनकी बहन को एक गंभीर बीमारी ने घेर लिया, डॉक्टरों का इलाज भी काम नहीं कर रहा था। तभी दिलीप शेखर की मां एक मुस्लिम फकीर से मिली, फकीर की दुआ से रहमान की बहन स्वस्थ हो गईं, इसके बाद रहमान का फकीर, दरगाह और इस्लाम के प्रति आस्था बढ़ गई। रोजा में रहमान को अपने संगीत के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।

रामगोपाल वर्मा की फिल्म रंगीला के लिए  बॉलीवुड में रहमान ने म्यूजिक तैयार किया, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। इस फिल्म में उर्मिला मातोंडकर, आमिर खान और जैकी श्रॉफ नजर आए थे। रहमान ने 'दिल से' 'लगान', 'जोधा अकबर', 'ताल', 'दिल्ली 6' 'रंग दे बसंती', 'स्वदेस' और 'रॉकस्टार' समेत हिंदी सिनेमा की कई फिल्मों के लिए भी संगीत तैयार किया, जो आज भी लोकप्रिय हैं। रहमान ने अपने करियर स्लमडॉग मिलेनियर समेत तीन हॉलीवुड फिल्मों के लिए भी म्यूजिक तैयार किया, इसके लिए उन्हें दो ऑस्कर अवॉर्ड भी मिले। वहीं, उनकी झोली में ग्रैमी अवॉर्ड भी आएं। अपने संगीत के जरिए पर अबतक 6 राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। साथ ही कई सारे फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीते।

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