अंसारी से आर्मीनिया के छात्र ने धर्मनिरपेक्षता पर पूछ लिया सवाल

[email protected] । Apr 26 2017 4:33PM

अंसारी ने कहा कि हमारे यहां कुछ सामाजिक कठिनाइयां हैं जिसके कारण कुछ लोग खुद हिंसा के लाइसेंस का उपयोग करने लगते हैं। लेकिन धर्मनिरपेक्षता भारत के संविधान का बुनियादी चरित्र है।

येरेवान। उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आज जोर दिया कि धर्मनिरपेक्षता भारत के संविधान का बुनियादी चरित्र है और कुछ सामाजिक कठिनाइयों के बावजूद भारी तादाद में भारतीय समतामूलक समाज और धर्मनिरपेक्षता के लिए प्रतिबद्ध हैं। येरेवान विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने ये बात कही। उनसे एक छात्र ने पूछा था कि आप कहते हैं कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है लेकिन भारत में हिंसा की घटनाएं सामने आती रहती हैं।

अंसारी ने कहा कि हमारे यहां कुछ सामाजिक कठिनाइयां हैं और जिसके कारण कुछ लोग खुद हिंसा के लाइसेंस का उपयोग करने लगते हैं। लेकिन धर्मनिरपेक्षता भारत के संविधान का बुनियादी चरित्र है और भारी तादाद में लोग धर्मनिरपेक्षता के प्रति प्रतिबद्ध हैं। भारत के लोग धर्मनिरपेक्षता के प्रति प्रतिबद्ध हैं। येरेवान विश्वविद्यालय में आज उपराष्ट्रपति को डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर आर्मीनिया के विज्ञान एवं शिक्षा मंत्री मौजूद थे। उपराष्ट्रपति ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के युवा बेहतर दुनिया का निर्माण करने के लिए उत्सुक हैं। उप राष्ट्रपति ने कहा कि बेहतर दुनिया के निर्माण में हालांकि सामान्य तौर पर कुछ चुनौतियां हैं जिनमें अच्छा जीवन जीने, खुशहाल जीवन जीने, शांति से रहने तथा बिना किसी मानवीय या प्राकृतिक खतरों के जीवन व्यतीत करने की इच्छा प्रमुख है।

उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती के साथ साथ बढ़ती आबादी, बीमारी, ऊर्जा और संसाधन संबंधी चुनौतियों से भी निपटने की जरूरत है। ये सभी मानवीय जरूरतों का अभिन्न हिस्सा हैं तथा सामाजिक एवं राजनीतिक स्तर पर समाज में खुशहाल जीवन के लिए जरूरी हैं, चाहे यह स्थानीय स्तर पर हो या वैश्विक स्तर पर। ये चुनौतियां देशों की सीमाओं से परे हैं और इन चुनौतियों का मुकाबला वैश्विक सहयोग के आधार पर ही किया जा सकता है।

उप राष्ट्रपति ने कहा कि मानव सभ्यता का काफी विकास हुआ है और यह अधिक से अधिक उर्जा केंद्रित हो गई है। साथ ही नयी प्रौद्योगिकी के कारण ऊर्जा की मांग बढ़ेगी। अंसारी ने कहा कि आज हमारे समाज में इस बात को लेकर सामान्य समझ बन गई है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ नयी प्रौद्योगिकी सामने आई है जिसका मानव की प्रगति पर प्रभाव पड़ रहा है। इनमें ऊर्जा, साइबर प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स, क्वांटम मैकेनिक्स, अंतरिक्ष विज्ञान, अनुवांशिकी आदि शामिल हैं। इन सबका भविष्य में भू-राजनीतिक प्रभाव भी पड़ेगा। अंसारी ने अपने संबोधन के दौरान मौलाना अबुल कलाम आजाद के मानवतावादी विचारों का भी उल्लेख किया।

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