Video | छावनी बना शहर, गुस्साए लोगों ने फूंक डाली महंगी कारें, जमकर हुई पत्थरबाजी, राजस्थान में हो गया बड़ा कांड, सरेआम SDM को पड़ा थप्पड़

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प्रतिरूप फोटो
ANI
रेनू तिवारी । Nov 14 2024 12:17PM

राजस्थान के टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में बुधवार को एक मतदान केंद्र पर निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीना द्वारा उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अमित चौधरी को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के बाद बड़ी हिंसा भड़क उठी।

राजस्थान के टोंक में बड़ा कांड हो गया हैं। जिसकी वजह से शहर के कई हिस्सों में हिंसा हुई। आगजनी की गयी और काफी ज्यादा नुकसान होने की संभावना है। 

राजस्थान के टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में बुधवार को एक मतदान केंद्र पर निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीना द्वारा उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अमित चौधरी को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के बाद बड़ी हिंसा भड़क उठी। टोंक जिले के समरवता गांव में हुई इस घटना के बाद पुलिस और मीना के समर्थकों के बीच हिंसा, आगजनी और झड़पें हुईं, जो चुनाव वाले निर्वाचन क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। अजमेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ओम प्रकाश ने पुष्टि की कि कथित हमले के बाद हुई अराजकता के बाद 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

उन्होंने कहा, "कल देर रात समरवता गांव में हंगामा, पथराव और आगजनी की घटना हुई, जब पुलिस ने टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीना को गिरफ्तार करने की कोशिश की, जब उन्होंने कल एक मतदान केंद्र पर एसडीएम अमित चौधरी के साथ कथित तौर पर मारपीट की।"

प्रकाश ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "कई वाहनों में आग लगा दी गई और तोड़फोड़ की गई। अब तक इस मामले में 60 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।" नरेश मीना की प्रतिक्रिया स्वतंत्र उम्मीदवार मीना ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि पूरे प्रकरण के लिए जिला कलेक्टर और एसपी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, "गिरफ्तार किए गए सभी 60 लोग निर्दोष हैं। अगर किसी को सजा मिलनी चाहिए, तो वह मैं हूं।" घटना के जवाब में, मीना ने पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा था, "मैं ठीक हूं... ना डरे द ना डरेंगे, आगे की रणनीति बता दी जाएगी।"

घटना जिसके कारण अशांति फैली हिंसा तब बढ़ गई जब कुछ लोगों ने पथराव करना शुरू कर दिया और पुलिस की गाड़ियों सहित वाहनों में आग लगा दी। झड़प के दौरान करीब आठ चार पहिया वाहन और दो दर्जन से अधिक दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो गए या आग लगा दी गई। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए जाने के बाद ही स्थिति पर काबू पाया जा सका।

टोंक के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी) बृजेंद्र सिंह भाटी ने कहा कि पुलिस नुकसान का आकलन कर रही है। भाटी ने कहा, "हम नुकसान का विश्लेषण कर रहे हैं। हमने कुछ गिरफ्तारियां की हैं।" स्थानीय अधिकारियों ने व्यवस्था बहाल करने के लिए इलाके में पुलिस की मौजूदगी बढ़ा दी है। टोंक के एसपी विकास सांगवान ने पत्रकारों से बात करते हुए घटना का ब्यौरा देते हुए बताया कि अधिकारी समरवता गांव में मतदान बहिष्कार को संबोधित करने के लिए मौके पर थे, तभी मीना ने कथित तौर पर मतदान केंद्र में प्रवेश किया और एसडीएम पर शारीरिक हमला किया।

उन्होंने कहा, "समरावता गांव में कुछ लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया था। स्थिति का आकलन करने के लिए एसडीएम, तहसीलदार, अतिरिक्त एसपी और अन्य अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान, निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीना मतदान केंद्र में घुस गया और एसडीएम पर शारीरिक हमला किया। अतिरिक्त एसपी ने नरेश मीना को तुरंत वहां से हटा दिया।" एसपी सांगवान ने आश्वासन दिया कि मीना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, "कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हम मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बात की, जिसके बाद मतदान शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुआ।" स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है तथा अधिकारी आगे स्थिति बिगड़ने से रोकने के लिए क्षेत्र पर निगरानी रख रहे हैं।

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