जेपी की जयंती पर 20 दिन के भीतर दूसरी बार बिहार पहुंचेंगे अमित शाह, सीमांचल के बाद अब छपरा में भरेंगे हुंकार
अमित शाह जयप्रकाश नारायण की जयंती पर सिताबदियारा पहुंचेंगे। सिताबदियारा बिहार के सारण (छपरा) जिले में आता है। इसके अलावा उसका कुछ हिस्सा उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में भी आता है। अपने इस दौरे के दौरान अमित शाह सारण में किसान सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का मिशन बिहार लगातार जारी है। जब से बिहार में भाजपा और जदयू का गठबंधन टूटा है, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सक्रिय हो गए हैं। पार्टी को बिहार में मजबूत करने की कोशिश को लेकर अमित शाह अपनी सक्रियता दिखा रहे हैं। इन सबके बीच बड़ी खबर यह है कि जयप्रकाश नारायण की जयंती पर अमित शाह के एक बार फिर से बिहार पहुंचने वाले हैं। अमित शाह का 20 दिनों के भीतर बिहार का यह दूसरा दौरा होगा। इससे पहले अमित शाह 23 और 24 सितंबर को बिहार के सीमांचल के दौरे पर गए थे। अमित शाह के इस दौरे को लेकर एक बार फिर से बिहार की सियासी हलचल तेज हो चुकी है। विपक्षी दलों के लिए भी यह जानकारी चौंकाने वाली खबर है।
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दरअसल, अमित शाह जयप्रकाश नारायण की जयंती पर सिताबदियारा पहुंचेंगे। सिताबदियारा बिहार के सारण (छपरा) जिले में आता है। इसके अलावा उसका कुछ हिस्सा उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में भी आता है। अपने इस दौरे के दौरान अमित शाह सारण में किसान सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि अमित शाह के इस दौरे को लेकर छपरा, सिवान और गोपालगंज के भाजपा कार्यकर्ता अभी से सक्रिय हो गए हैं। अमित शाह के इस दौरे को लेकर बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि माननीय गृह मंत्री अमित शाह 11 अक्टूबर को सिताब दियारा आएंगे। लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर भारत सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम है।
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संजय जायसवाल ने आगे बताया कि इस कार्यक्रम हेतु माननीय गृह मंत्री जी वाराणसी से सिताब दियरा आएंगे और पुनः वाराणसी लौट जाएंगे। इसके साथ ही संजय जायसवाल ने विपक्ष पर भी जबरदस्त तरीके से तंज कसा। उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के संपूर्ण क्रांति आंदोलन से निकले हुए उनके कई शिष्य आज कांग्रेस की गोदी में बैठे हुए हैं और सोनिया गांधी के दरबार में हाजिरी बजाना अपने जीवन की उपलब्धि मानते हैं। आपको बता दें कि जयप्रकाश नारायण ने इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ बिगुल फूंका था। उस दौरान नीतीश कुमार, लालू यादव जैसे नेता जयप्रकाश नारायण के साथ खड़े थे और कांग्रेस का लगातार विरोध कर रहे थे। जयप्रकाश नारायण ने इमरजेंसी का भी विरोध किया था।
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